जयपुर। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि जी-20 के ट्रेड एंड मिनिस्टि्रयल (टीआईएम) बैठक में पांच प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी ताकि विश्व की समृद्धि में व्यापार का योगदान बढ़े और भरोसेमंद सप्लाई चेन तैयार हो सके। 24-25 अगस्त को जयपुर में होने वाली इस बैठक में भारत वैश्विक व्यापार में विकासशील देशों की भागीदारी बढ़ाने की भी वकालत करेगा और दुनिया के व्यापार में एमएसएमई के योगदान को बढ़ाए जाने को लेकर सभी देशों के साथ चर्चा होगी।

इसके अलावा विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों में बदलाव और उसे आधुनिक बनाने को लेकर भी सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी।भारत जी-20 का अध्यक्ष देश है, इसलिए बैठक के एजेंडा को भारत ने तय किया है। गोयल ने उम्मीद जताई कि दो दिवसीय इस बैठक में सभी मुद्दों पर सहमति बनेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रयासों से भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का केंद्र बन सकता है।

भारत विकासशील देशों की आवाज बनकर उभरेगा और विकसित देशों के साथ उनके लिए व्यापारिक सेतु का काम करेगा।बैठक में सभी देश मिलकर विश्वस्तरीय सप्लाई चेन तैयार करने का रास्ता निकालेंगे ताकि विपरीत परिस्थिति में भी सप्लाई बाधित नहीं हो। इसका सीधा फायदा भारत को मिलेगा क्योंकि भारत ने अपने साम‌र्थ्य से दुनिया को परिचित करा दिया है।विश्व व्यापार में एमएसएमई को जोड़ने के उपाय से भारतीय एमएसएमई को भी इसका लाभ मिलेगा।

गोयल ने बताया कि डब्ल्यूटीओ में विवाद निपटान के नियमों में बदलाव लाए जाने पर सहमति बनाने की कोशिश होगी। उन्होंने बताया कि कई देशों की विकास दर अधिक हो गई है, लेकिन उनकी जिम्मेदारी नहीं बदली गई है।इन विषयों पर चर्चा की जाएगी। विकास दर के हिसाब से विकासशील व विकसित देशों की परिभाषा व जिम्मेदारी तय करने की जरूरत है। गोयल ने बताया कि बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर चर्चा होने की संभावना नहीं है।