यमुनानगर  : 13 वर्ष बाद अब नगर निगम की जमीनों से अवैध कब्जे हटाए जाने की उम्मीद है। हाउस की बैठक में सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक, निगम एरिया के 45 गांवों में 1307 एकड़ तीन कनाल व 15 मरले जमीन है। चिंताजनक बात यह है कि 23 जगह जमीन पर अवैध कब्जे हैं। हालांकि, 11 गांवों में निशानदेही का कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन बाकी में अभी बकाया है। यहां निशानदेही करवाने के लिए अब कमेटी का गठन किया गया है। इसके अध्यक्ष सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीण कुमार होंगे। सभी गांवों में निशानदेही करवाकर तारबंदी की जाएगी, ताकि कहीं भी अवैध कब्जा न हो। निगम की रिपोर्ट की मुताबिक, गड़ी बंजारा, तेजली जोहड़, भटौली जोहड़, उधम गढ़, गधौली, तेजली, गढ़ी मुंडो, मुकरबपुर स्कूल के पास, चांदपुर बाइपास पुल के पास, पांसरा, जड़ौदा, ससौली, कैल डेयरी, गढ़ी गुजरान, हबीबपुर, औरंगाबाद, भूतमाजरा, फर्कपुर जोहड़ व इसोपुर में निशानदेही करवाई जा चुकी है। इन कॉलोनियों में जहां भी निगम की जमीन थी, उससे अवैध कब्जा भी हटवाया गया। निगम के पास न पटवारी न कानूनगो नगर निगम की जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त करवाने की कार्रवाई सिरे नहीं चढ़ पा रही है। अब निगम में पटवारी व कानूनगो के पद रिक्त होने से निशानदेही के कार्य पर ब्रेक लग गई है। निगम में लंबे समय से पटवारी व कानूनगो के पद रिक्त पड़े हैं। हालांकि काम कर रहे हैं, लेकिन यह स्थायी नहीं हैं। अस्थाई पटवारी व कानूनगो से निशानदेही का काम नहीं करवाया जा सकता। हालांकि, आउटसोर्स पालिसी के तहत इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया चली थी, लेकिन वह भी सिरे नहीं चढ़ पाई।

हाउस की हर बैठक में उठा मुद्दा

मार्च-2010 में नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी का गठन हुआ था। उसके बाद निशानदेही के लिए कई बार प्लानिंग हुई, लेकिन हवा-हवाई साबित हुई। तालाबों पर अवैध कब्जे अधिक हैं। वार्ड-13 से पार्षद निर्मल चौहान, वार्ड-18 से कुसुम लता व वार्ड 12 से संजीव कुमार ने इस मुद्दे हो हाउस की हर बैठक में उठाया। नगर निगम अधिकारियों ने निशानदेही के लिए प्रस्ताव पास जरूर किया, लेकिन यह कार्रवाई केवल कागजी रही। नगर निगम बनने के बाद ही ट्विन सिटी में पड़ी निगम की जमीन पर कब्जे होने शुरू हो गए थे। नगर निगम की जमीन से अवैध कब्जे हटने पर आमदनी बढ़ेगी। अवैध कब्जे हटवाकर जमीन को पट्टे पर या किसी अन्य परियोजना के लिए प्रयोग किया जा सकता है। जमीन उपलब्ध न होने का हवाला देकर सीएम घोषणाओं में शामिल कई योजनाएं रद की जा चुकी हैं। ट्रांसपोर्ट नगर व निगम का नया कार्यालय बनाने की योजना आज तक सिरे नहीं चढ़ पाई। दोनों परियोजनाएं जमीन उपलब्ध न होने के कारण अटकी पड़ी हैं। इसके अलावा, ट्विन सिटी को पार्किंग की भी दरकार है। नगर निगम की जमीन पर लोग अवैध कब्जे कर रहे हैं, लेकिन निगम की ओर से उसके सदुपयोग व सुरक्षा के लिए कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।