गांव धीरणवास के हिस्ट्रीशीटर सुनील का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई। हत्या का आरोप उसके गुर्गों पर ही लगा है। सुनील का शव रविवार सुबह काबरेल के पास नहर से मिला। उसके गांव के ही कुछ युवकों ने शनिवार को आटो में उसका अपहरण किया था। उस दौरान सुनील अपने दोस्त सुमित के साथ गांव में तालाब के नजदीक बैठा था। रात करीब 11:30 बजे हमलावर आटो व दो मोटरसाइकिलों पर आए और सुनील व उसके दोस्त सुमित पर हमला कर सुनील का अपहरण कर ले गए। सुनील खुद हिस्ट्रीशीटर रहा है। सुनील पर करीब दर्जन भर केस दर्ज है। करीब छह महीने पहले ही सुनील तिहाड़ जेल से बाहर आया था। उस पर एनसीआर में एक व्यक्ति के अपहरण और फिरौती का केस दर्ज था। हिसार में भी सुनील पर आर्म्स एक्ट, हत्या के प्रयास, लड़ाई-झगडे के केस दर्ज हैं। जिन लोगों ने सुनील का अपहरण कर हत्या की है, वे भी सुनील के ही चेले है।

आठ नामजद सहित 15 पर केस दर्ज

मामले में गांव धीरणवास के सुमित उर्फ बादल ने बताया कि 21 जुलाई को रात करीब 11:30 बजे वह और गांव का ही सुनील नई कालोनी के तालाब के पास बैठे बातचीत कर रहे थे। उस समय एक आटो व दो मोटसाइकिलों पर गांव के ही अजीत उर्फ जीतू, सुभाष, श्रवण उर्फ काजल, सागर उर्फ साहिल, संजय, विक्रम, दिलबाग उर्फ बीरू, विरेंद्र व आठ अन्य के साथ आए। सभी अपने साथ, गंडासी, लोहे का दरांत, लाठी डंडे, गंडासी लिए हुए थे। इन सभी ने उस पर व सुनील पर हमला कर दिया। सुमित ने बताया कि वह किसी तरह से उनसे छुड़वा कर अपने घर की तरफ भागा। उसकी आवाज सुनकर सुनील के भाई कुलदीप सिंह, राजेश उर्फ सोमी, शमशेर अपने भाई सुनील को छुड़ाने के लिए भागे। लेकिन हमलावर सुनील से मारपीट कर उसे अपने आटो में डालकर ले गए। वे सभी उनके पीछे -2 सुनील को छुड़वाने के लिए भागे। लेकिन आरोपित सुनील को लेकर फरार हो गए और जाते समय कह रहे थे कि सुनील को जान से मारेंगे।

रंजिश के चलते दिया वारदात को अंजाम

रंजिश यह है कि सुनील कि अजीत उर्फ जीतू से दोस्ती थी। जिनकी आपस में किसी बात को लेकर अनबन हो गई थी। इसी रंजिश में हमला कर सुनील का अपहरण किया गया है। घायल सुमित को अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। पुलिस ने शिकायत पर आठ नाम जद सहित 15 पर केस दर्ज कर लिया है।