जयपुर । राजस्थान के सियासी रण में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे हर पार्टी सियासी दांव-पेच आजमा रही है इनमें एक-दूसरे के नेताओं को जोडऩे और तोडऩे की नीति भी शामिल है इसी कड़ी में अब कांग्रेस ने भाजपा में सेंध लगाते हुए अजमेर की साध्वी अनादि सरस्वती को अपने साथ जोड़ लिया है साध्वी अनादि सरस्वती ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।
अनादि सरस्वती शहीद हेमू कालानी के परिवार से हैं और उनकी पोती है साध्वी अनादि सरस्वती ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस जॉइन कर ली। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उन्हें पार्टी जॉइन करवाने हॉस्पिटल रोड स्थित पीसीसी वार रूम पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी इस मौके पर मौजूद थे. दोनों ने दुपट्टा पहनकर साध्वी अनादि सरस्वती को कांग्रेस जॉइन करवाई और उनका स्वागत किया. साध्वी अनादि सरस्वती को अजमेर (उत्तर) सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हेमू कालानी शहीद हो गए थे साध्वी अनादि सरस्वती उनके परिवार से ताल्लुक रखती हैं. हम सबका यह मानना है कि आज देश के हालात विकट हैं और उसी के मद्देनजर ये कांग्रेस जॉइन कर रही हैं. उन्होंने (भाजपा ने) जो हिंदुत्व का मुद्दा चला रखा है, वह अब चलने वाला नहीं है. हमारी सरकार ने गौ माता की सेवा के लिए 3000 करोड़ रुपये का गौशाला को अनुदान दिया है. जबकि पिछली सरकार ने महज 500 करोड़ दिए. लंपी में गायों की मौत पर मुआवजा दिया. पशुधन का भी बीमा होगा. गौ माता के लिए निदेशालय बनाया. मंदिरों की मरम्मत करवाई. ये जो धर्म के नाम पर एजेंडा चला रहे हैं, यह अब चलने वाला नहीं है. हमारी योजनाओं और गारंटियों के बूते ही हम जनता के बीच चुनाव में जाएंगे. सरकार बदलती है तो जनता का नुकसान होता है, जो उचित नहीं है। इस मौके पर साध्वी अनादि सरस्वती ने कहा, आज हमारे जीवन का क्रांतिकारी दिन है. जिस विषय पर हम काम कर रहे हैं, उस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी काफी काम किया है. कुछ लोग कहने के धनी हैं और कुछ करने के. संत सनातन धर्म के साथ सारे विश्व को अपना परिवार मानता है. मंच महत्वपूर्ण नहीं है, काम ज्यादा महत्वपूर्ण है. सीएम का आभार जिन्होंने पार्टी में जोड़ा, जिन्होंने बड़े-बड़े दावे किए वो दावे ही रहे. जबकि हकीकत में काम सीएम अशोक गहलोत ने किया कहने से कोई गौ भक्त नहीं होता. ये काम करते हैं, पाखंड नहीं करते. धर्म को पाखंड की आवश्यकता नहीं होती है. अभी राजनीति में दिखावा और पाखंड भरा है. अच्छे काम बोलेंगे और हम डंके की चोट पर कांग्रेस की सरकार बनाएंगे।