साइबर अपराध के दोष सिद्धी की दर बढ़ाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल और तकनीक अधारित अनुसंधान की जरूरत है। इसके लिए अनुसंधानकर्ताओं को तकनीकी रूप से दक्ष करना होगा। उन्हें साइबर अपराधियों से दो कदम दूर की सोच रखनी होगी।

उक्त बातें हाई कोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद रविवार को ज्यूडिशियल एकेडमी में त्वरित एवं गुणवत्तायुक्त साइबर अपराध के निष्पादन पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। ज्यूडिशियल एकेडमी के निदेशक साइबर अपराध की चुनौतियों की जानकारी दी और इस पर पुलिस और वकील को मिलकर काम करने की जरूरत बताई।

भारत सरकार की ओर से अपनाई जा रही तकनीक
साथ ही साइबर अपराधियों को पकड़ने में आने वाली कठिनाइयों की जानकारी दी। प्रथम तकनीकी सत्र में नई दिल्ली के साइबर विभाग के एसीबी जीतेंद्र सिंह ने साइबर अपराध और अपराधियों की पकड़ने के लिए भारत सरकार की ओर से अपनाई जा रही तकनीक की जानकारी दी। समारोह में राज्य के वरीय न्यायिक पदाधिकारी, वरीय पुलिस अधिकारी, लोक अभियोजक सहायक लोक अभियोजक एवं अन्य मौजूद थे।