झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने गुरुवार को मोरहाबादी मैदान में चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। भीड़ से खचाखच भरे मैदान में शपथग्रहण समारोह के लिए बने मंच पर जब वे चढ़े तो समर्थकों ने उत्साहित होकर नारे लगाए। कुर्ता-पायजामा और बंडी पहने हेमंत सोरेन ने उपस्थित लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।

वे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और अपने पिता शिबू सोरेन के समीप पहुंचे और उनका आशीर्वाद लिया। हेमंत सोरेन ने अकेले शपथ ली। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार समेत अन्य अतिथियों ने हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बधाई और शुभकामनाएं दी। शपथग्रहण के बाद हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ सिदो-कान्हू पार्क में जाकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद वे बिरसा चौक पहुंचे और भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की।

हेमंत सोरेन विधानसभा में बहुमत हासिल करने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। जल्द ही विधानसभा विशेष सत्र आहूत होगा। शपथग्रहण के ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए पूरे राज्य से भारी संख्या में लोग मोरहाबादी मैदान पहुंचे थे। इसके लिए यातायात की खास व्यवस्था की गई थी। शपथग्रहण समारोह आरंभ होने के दो घंटे पहले ही पूरा मैदान भर गया था।

मैदान के बाहर भी उतनी ही भीड़ एकत्रित थी। लोग अपने प्रिय नेता की एक झलक लेने को उतावले दिखे। इस दौरान यातायात व्यवस्था संभाल रहे सुरक्षाकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद मोरहाबादी मैदान के आसपास घंटों जाम लगा रहा।

हेमंत सोरेन का शपथग्रहण समारोह इस मायने में ऐतिहासिक था कि इसमें देश के प्रमुख नेताओं की भागीदारी दिखी। भाजपा विरोधी दलों के नेताओं का इस दौरान बड़ा जमावड़ा हुआ। समारोह में आईएनडीआईए की ताकत व एकजुटता भी नजर आई। उत्तर से लेकर दक्षिण तक के राज्यों का प्रतिनिधित्व समारोह में हुआ।

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, तेलंगाना के उप मुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश प्रसाद यादव मौजूद रहे।

इसके अलावा  दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बिहार विधानसभा मे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन, पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव समेत कई सांसदों और विधायकों ने इस दौरान अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। शपथग्रहण के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सबसे मुलाकात कर अभिवादन किया। 

प्रतिबद्धता दोहराई शपथ ग्रहण से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के लोगों के नाम एक भावुक संदेश जारी किया। उन्होंने एक्स पर लिखा - जोहार साथियों, आज का दिन ऐतिहासिक होगा - एक ऐसा दिन जो हमारे सामूहिक संघर्ष, प्रेम-भाईचारे की भावना और न्याय के प्रति हम झारखंडियों के प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा। झारखंड की महान धरा ने हमेशा से विरोध और संघर्ष को जन्म दिया है और झामुमो भगवान बिरसा, भगवान सिदो-कान्हू, अमर शहीद तेलंगा खड़िया, फूलो- झानो, पोटो हो, शेख भिखारी समेत अनगिनत वीरों के संघर्षों से भरी उसी विरासत को समेटे हर दिन आगे बढ़ रहा है। आज का यह दिन राजनीतिक जीत के बारे में नहीं है।

हेमंत सोरेन ने कहा कि आज का यह दिन हमारी सामाजिक न्याय के प्रति संघर्ष, सामाजिक एकता को प्रखर करने की हर रोज लड़ी जानी वाली लड़ाई को दोहराने का दिन है।
आज का यह दिन यह भी बताता है कि लोकतंत्र पर बढ़ते दबाव के बीच झारखंड की महान जनता एक साथ खड़ी है।
आज हर गांव, हर शहर में एक आवाज गूंज रही है - अधिकार, समानता, एकता मतलब झारखंडियत की आवाज। इसमें कोई संदेह न रखें - हमारी एकता ही हमारा सबसे बड़ा हथियार है।

जब -जब वे हमें पीछे धकेलते हैं, हम आगे बढ़ते हैं। जब-जब वे हमें शांत करना चाहते हैं, हमारी हूल, उलगुलान, क्रांति की आवाज और प्रखर होती जाती है क्योंकि हम झारखंडी हैं, और झारखंडी झुकते नहीं है।

आज जब सामाजिक संरचना में गहरी दरारें पैदा हो रही हैं, तब हमें अपने पूर्वजों की उस एकता और हर झारखंडी को साथ ले कर चलने के संकल्प को पुनः दोहराना होगा।
अपने अबुआ सरकार के लिए हर एक झारखंडी को बधाई। हमारी लड़ाई अटल है, अविराम है। संघर्ष जारी है और आखिरी सांस तक रहेगा।