हरियाणा में करीब एक माह से मानसून गतिविधियां सुप्त पड़ी है। हालांकि आने वाले दिनों में मौसम में बदलाव होगा। बंगाल की खाड़ी पर बने चक्रवात के कम दबाव के क्षेत्र में बदलने से बारिश की गतिविधियां होंगी। मगर, दूसरी तरफ पाकिस्तान पर बन रहा प्रति चक्रवात इसकी गतिविधियों में बाधा डालेगा। मौसम विशेषज्ञ की मानें तो यह प्रति चक्रवात प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों पर कम दबाव का क्षेत्र को पहुंचने से रोकेगा।

मौसम विशेषज्ञ डॉ. ने बताया कि पिछले महीने की शुरुआत से ही अलनीनो का असर साफ तौर पर दिखाई दिया। मानसून टर्फ रेखा अपनी सामान्य स्थिति से उत्तर में हिमालय की तलहटी में सुप्त अवस्था में विराजमान है। साथ ही अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कोई मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं हुई है।

केवल बीच में संजीवनी स्वरूप पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से सीमित स्थानों पर हल्की बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया गया। लगातार हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली में मौसम साफ और शुष्क बना हुआ है। तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हो रही है और दिन का पारा 40.0 के आसपास पहुंच गया है।

संपूर्ण राज्य में तेज गति से हवाएं चलने से रात्रि तापमान में हल्की गिरावट दर्ज हुई है। संपूर्ण इलाके पर अरब सागर से होकर पश्चिमी उष्ण आर्द्र हवाएं चल रही हैं, जिसकी वजह से दिन के तापमान में उछाल और उमस भरी पसीने वाली गर्मी से आमजन को रूबरू होना पड़ रहा है।

वर्तमान में उत्तरी बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवातीय सरकुलेशन बना हुआ है, जो कि 24 घंटों में एक कम दबाव का क्षेत्र में तब्दील होकर भारत के उत्तर पश्चिम में मध्य प्रदेश तक पहुंचने की संभावना है। वहीं, एक प्रति चक्रवात पाकिस्तान पर बना हुआ है, जो इस कम दबाव के एरिया को पश्चिमी हिस्सों पर नहीं पहुंचने देगा। इसका सीधा असर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ पर देखने को मिलेगा। इन राज्यों में जबरदस्त मानसून गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा।

इस मौसम प्रणाली के असर से मानसून टर्फ रेखा अपनी सामान्य स्थिति के आसपास पहुंचने की संभावना है। इस कारण से हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली पर 6 से 9 सितंबर के दौरान आंशिक बादलवाही और पूर्वी व दक्षिणी हिस्सों पर बिखराव वाली बारिश होने की संभावना है। साथ ही साथ एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से उत्तरी हिस्सों में भी हल्की बारिश की गतिविधियों की संभावना बन रही है।