76 भारतीय सैनिकों की जगह एचएएल कर्मचारियों ने ली...
मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत-मालदीव के बीच रिश्ते में उथलपुथल शुरू हो गई है। इस बीच, मालदीव के विदेश मंत्री ने बताया कि 76 भारतीय सैन्य कर्मियों की जगह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के नागरिक कर्मचारियों ने ली है। एक दिन पहले, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने बताया था कि भारत ने निर्धारित समय से पहले ही अपने सभी सैनिकों को वापस बुला लिया है। दरअसल, मुइज्जू सरकार ने भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी के लिए 10 मई तक की समयसीमा निर्धारित की थी। राष्ट्रपति मुइज्जू को एक चीन समर्थक नेता के तौर पर देखा जाता है। पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान मालदीव में तैनात 90 भारतीय सैनिकों को वापस भेजना ही मुइज्जू की प्रमुख प्रतिज्ञा थी।
विदेश मंत्री ने दी जानकारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को भारत दौरे से वापस मालदीव पहुंचे विदेश मंत्री मूसा जमीर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने बताया कि सात से नौ मार्च के बीच गन से 26 सैनिकों को वापस बुलाया गया। हनीमाधू से सात से 19 अप्रैल के बीच, 25 सैनिकों को वापस बुलाया गया तो वहीं, कधधू से मंगलवार को 12 और गुरुवार को अंतिम 13 सैनिकों को वापस बुला लिया गया। गौरतलब है कि मालदीव की सरकार ने इससे पहले बताया था कि दो हेलीकॉप्टर और एक जहाज के रखरखाव के लिए मालदीव में 89 भरतीय सैनिक हैं। जमीर ने बताया कि अभी जिन्होंने सैनिकों की जगह ली है, वे नागरिक कर्मचारी हैं। इन्होंने ही इसका निर्माण किया है।
रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने पुष्टि की कि मालदीव सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि जो लोग भारतीय सैन्य कर्मियों की जगह लेने आए हैं, वे वास्तव में नागरिक ही हैं। विमान की कमान और नियंत्रण अब आधिकारिक तौर पर रक्षा मंत्रालय और मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) के अधीन है।
विदेश मंत्रालय ने की पुष्टि
गुरुवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने बताया कि भारतीय सैनिकों का पहला और दूसरा जत्था भारत पहुंच चुका है। अब तीन विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन का काम तकनीकी कर्मी देखेंगे। यह तब हुआ, जब मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने भारत का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंध और क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर बातचीत हुई।