राजधानी में पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार सख्त हो गई है। पिछले साल की तरह इस बार भी खेतों में पराली गलाने के लिए खेतों में बायो डी-कंपोजर का निशुल्क छिड़काव किया जाएगा। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई हैं। बायो डी-कंपोजर के छिड़काव के लिए 11 टीमों का गठन किया गया है।

इस संबंध में विकास मंत्री गोपाल राय ने बृहस्पतिवार को कंपोजर के छिड़काव को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि दिल्ली में बासमती और गैर बासमती धान के सभी खेतों में सरकार की ओर से निशुल्क बायो डी-कंपोजर का छिड़काव किया जाएगा। छिड़काव को लेकर कृषि विभाग को धान के खेतों का जल्द सर्वे करने के निर्देश दिए दिए गए है। छिड़काव को लेकर कृषि विभाग द्वारा किसानों से फार्म भरवाया जा रहा है। इसमें सर्वे का निर्देश दिया गया है। फार्म में किसान की जानकारी, कितने एकड़ खेत में छिड़काव कराना चाहते हैं और फसल कटने का समय व अन्य जानकारियां उपलब्ध हैं। साथ ही, दिल्ली में किसानों के बीच बायो डी-कंपोजर के छिड़काव को लेकर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।

गोपाल राय ने कहा कि सर्दियों के मौसम में प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए सरकार लगातार अलग-अलग विभागों से बैठक कर विंटर एक्शन प्लान बनाने की तरफ बढ़ रही है। सभी विभागों को विंटर एक्शन प्लान को लेकर 15 फोकस बिंदुओं पर अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसके तहत पर्यावरण विभाग विंटर एक्शन प्लान की संयुक्त कार्ययोजना तैयार करेगा। जब पड़ोसी राज्यों में पराली जलना शुरू होती है तो उसके धुएं की चादर दिल्ली को घेर लेती है। इसके प्रभाव से प्रदूषण का असर कई गुना ज्यादा घातक हो जाता है।