नई दिल्ली । लंदन में लोकतंत्र को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान पर भारत में हंगामा जारी है। संसद में भी इस पर जबरदस्त तरीके से भाजपा कांग्रेस पर निशाना साध रही है। इस बीच गुरुवार को राहुल गांधी ने मीडिया को संबोधित कर कहा कि सरकार के 4 मंत्रियों ने मुझ पर आरोप लगाए हैं। आरोप के बाद मुझे बोलने का हक है। मैंने आज लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर श्री बिरला से बोलने का वक्त मांगा है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मुझे बोलने दिया जाएगा। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अडानी मुद्दे को लेकर डरे हुए हैं। इसकारण ध्यान भटकाने के लिए यह मुद्दा उठाया जा रहा है। इसलिए मुझे लगता है कि वह संसद में मुझे बोलने नहीं देंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री और अडानी के बीच की रिश्ता क्या है? रक्षा सौदे अदानी को क्यों दिए जा रहे हैं? यह बड़े सवाल है, जो हम उठाना चाहते हैं। संसद के रिकॉर्ड से मेरे भाषण को हटाया गया। उन्होंने कहा कि सुबह मैं संसद गया और अध्यक्ष (लोकसभा) से बात की कि मैं बोलना चाहता हूं। मोदी सरकार के चार मंत्रियों ने मुझ पर आरोप लगाए थे, इसलिए मुझे सदन में अपनी बात रखने का अधिकार है। मुझे उम्मीद है कि मुझे शुक्रवार को संसद में बोलने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले मैंने सदन में मोदी और अडानी पर सवाल उठाते हुए भाषण दिया था, वह भाषण हटा दिया गया था। भाषण में ऐसा कुछ भी नहीं था जिसे मैंने सार्वजनिक रिकॉर्ड से न निकाला हो।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मुझपर संसद में आरोप लगे हैं। इसपर जवाब देना मेरी जिम्मेदरी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे बोलने दिया जाएगा या नहीं ये लोकतंत्र की परीक्षा है। उन्होंने कहा कि सरकार और पीएम अडानी मामले से डरे हुए हैं इसलिए उन्होंने यह तमाशा तैयार किया है। मुझे लगता है कि मुझे संसद में बोलने नहीं दिया जाएगा। मुख्य सवाल यह है कि मोदीजी और अडानीजी के बीच क्या संबंध है। वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि राहुल गांधी को संसद में माफी मांगनी चाहिए। देश राहुल गांधी से माफी की मांग कर रहा है। सारे सांसद उनसे माफी की मांग कर रहे हैं। विदेशी धरती पर इस तरह की बात बोलने के लिए उन्हें माफी मांगनी ही चाहिए।