नारियल के रेशे से बनी गणपति प्रतिमा का नहीं हुआ विसर्जन...जाने क्यों
कोटा। राजस्थान के कोटा में अनंत चतुर्दशी पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई। देर रात तक किशोरसागर तालाब में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ। इधर, कोटा में एक गणेश प्रतिमा ऐसी थी जिसका विसर्जन नहीं किया गया। बल्कि किशोर सागर में स्नान करवाकर फिर से स्थापित कर दिया गया। दरअसल गुरुधाम कॉलोनी रोटेदा सोगरिया स्थित मुख्यालय पर स्थापित 16 किलो नारियल के रेशे से निर्मित इको फ्रेंडली गणपति प्रतिमा को विधिवत पूजन कर सूरजपोल गेट के पास से मुख्य शोभायात्रा में सम्मिलित किया गया। इस दौरान पर्यावरण की सुरक्षा के लिए संदेश देकर 10 हजार पंपलेट शोभायात्रा में वितरित किए गए। जिसमें जल संरक्षण का संदेश दिया गया। उन्होंने बताया कि जल प्रकृति की अनमोल संपदा है। जलीय जीवों की सुरक्षा होगी तब जल शुद्ध होगा। दूषित पेयजल समस्त बीमारियों का कारण है। गणपति की प्रतिमा को विसर्जित करने की परंपरा को प्राकृतिक संतुलन के साथ जोड़ते हुए जलीय जीवों की सुरक्षा एवं पर्यावरण की रक्षा करें। बढ़ते जल प्रदूषण को रोकने का उत्तरदायित्व हम सभी का है। जिला मुख्यालय पर स्थापित की गई साढ़े 3 फीट की इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा शहर की एकमात्र ऐसी प्रतिमा है। जिसे वर्ष 2021 से विसर्जित नहीं किया जाता। शोभायात्रा में सम्मिलित करते हुए पर्यावरण बचाने का संदेश देते हुए बारहद्वारी तक ले जाकर जल स्नान करवाने के बाद वापस मुख्यालय पर लाकर स्थापित किया जाता है। प्रतिमा की साल भर पूजा अर्चना और आरती होती है।