नई दिल्ली। दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने में लगे हैं। बुधवार को सीएम केजरीवाल ने माकपा के महासचिव डी राजा से मुलाकात की। मुलाकात के बाद केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा कि आज से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नहीं होंगे। आज से दिल्ली के मुख्यमंत्री मोदी जी होंगे।

दरअसल में मुलाकात के दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डी राजा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस  का एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, "ये वीडियो देखिए। दिल्ली वालों के ख़िलाफ़ जो अध्यादेश लाए हैं, वो कितना ख़राब है।" उन्होंने आगे ट्विटर पर लिखा कि अगर इस अध्यादेश को एक लाइन में बताना हो तो वो क्या होगी - “आज से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नहीं होंगे। आज से दिल्ली के मुख्यमंत्री मोदी जी होंगे।”

अरविंद केजरीवाल ने अध्यादेश को लेकर केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि इन्होंने केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ही खारिज नहीं किया है। इसमें तीन ऐसे प्रोविजन डाला है, जिससे दिल्ली सरकार लगभग खत्म हो जाती है।

अगर कोई मंत्री अपने सेक्रेटरी को आदेश देगा, तो उसे पावर दी गई है कि वह डिसाइड करेगा कि मंत्री का आदेश का लीगली सही है या गलत। सेक्रेटरी को लगता है कि मंत्री का आदेश लीगली ठीक नहीं है तो मंत्री का आदेश मानने से इनकार कर सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि दुनिया के अंदर पहली बार हो रहा है कि सेक्रेटरी को मंत्री का बॉस बना दिया है। केजरीवाल ने आगे बताया कि अध्यादेश में एक और प्रोविजन है कि चीफ सेक्रेटरी को पावर दे दी गई है कि वह डिसाइड करेगा कि कैबिनेट का कौन सा डिसीजन लीगल है या नहीं। 

अध्यादेश में एक और प्रोविजन का जिक्र करते हुए दिल्ली के सीएम ने कहा कि दिल्ली सरकार में जितनी अथॉरिटी हैं, उनका गठन केंद्र सरकार करेगी। सारे कमिशन केंद्र सरकार गठन करेगी तो दिल्ली सरकार क्या करेगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगे सवाल किया कि चुनाव क्यों कराते हो? उन्होंने कहा कि यह बहुत की खतरनाक अध्यादेश है, इसे गलत नीयत के साथ बनाया गया है।