नई दिल्ली । कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट लेकर फोर्ड कंपनी एक बार ‎फिर भारतीय कार बाजार में प्रवेश करने जा रही है। जानकारी के अनुसार हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों पर फोकस के साथ ऑटो सेक्टर की दिग्गज कंपनी फोर्ड मोटर अपनी कारों के प्रोडक्शन के लिए चेन्नई में अपने मेन्युफेक्चरिंग प्लांट का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, ईवी की बिक्री तेजी से धीमी होने के कारण फोर्ड अपनी इलेक्ट्रिक वाहन स्ट्रेटिजी का फिर से आंकलन कर यही है। क्योंकि भारत में ज्यादातर ग्राहक इलेक्ट्रिक वाहनों की ऊंची कीमतों और चार्जिंग के खराब इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते ईवी खरीदने को लेकर संकोच करते हैं। ऑटो कंपनी ने अपनी बैटरी से चलने वाली कार मस्टैंग मच-ई के प्रोडक्शन और कीमतों में भी काफी कटौती की है और कंपनी पेट्रोल-इलेक्ट्रिक हाइब्रिड मॉडल के प्रोडक्शन को बढ़ावा देने पर भी जरूरी ध्यान दे रही हैं। 
हालां‎कि पिछले महीने ही एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहन की बिक्री के 35 प्रतिशत की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट से बढ़ने की उम्मीद है। साल 2032 तक सेल्स की सालाना संख्या 2.72 करोड़ यूनिट तक पहुंचने की संभावना है। इसके अलावा फोर्ड की एक गाड़ी की पेटेंट इमेज इंटरनेट पर वायरल हो गई है। इसे देखने में यह लगता है कि यह नया मॉडल हुंडई की क्रेटा, किआ सेल्टोस, मारुति की ग्रैंड विटारा, टोयोटा हायराइडर, होंडा एलिवेट समेत कॉम्पैक्ट मिड-साइज एसयूवी सेगमेंट में अन्य गाड़ियों को टक्कर देगा। ऐसा माना जा रहा है कि कंपनी भारत में एंडेवर के सीबीयू या सीकेडी मॉडल को इम्पोर्ट करके ला सकती है।