शनिवार, रविवार और फिर सोमवार को गांधी जयंती। तीन दिन की छुट्टी में ब्रज में आराध्य के दर्शन को श्रद्धालुओं की भीड़ टूट पड़ी। सड़क से लेकर मंदिर तक केवल धक्का-मुक्की होती रही। करीब पांच लाख श्रद्धालु अकेले सोमवार को पहुंचे। ऐसे में दर्शन करना मुश्किल हो गया।

चार किलोमीटर लंबी लाइन लगी

वाहनों की चार किमी लंबी लाइन लगी। बड़ी संख्या में श्रद्धालु बिना दर्शन के ही बाहर से आराध्य के हाथ जोड़कर चले गए। शनिवार और रविवार को वीकेंड होने के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ वृंदावन में होती है। इस बार सोमवार को दो अक्टूबर की छुट्टी थी। ऐसे में तीन दिन की छुट्टी होने के कारण दिल्ली-एनसीआर के साथ ही आसपास के राज्यों के लाखों की संख्या में श्रद्धालु वृंदावन पहुंच गए।

जाम से जूझते रहे लोग

रविवार को दिन भर शहर जाम रहा। घंटों वाहन फंसे रहे। सोमवार को भी इस समस्या से निजात नहीं मिल सकी। सुबह पौने आठ बजे ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के पट खुलने थे, लेकिन उससे पहले ही मंदिर के आसपास की गलियों में श्रद्धालु पहुंच गए। पट खुलने के समय स्थिति बिगड़ गई। गलियां पूरी तरह श्रद्धालुओं से अट गईं। जगह-जगह श्रद्धालु मंदिर के पहले बैरिकेडिंग पर रोके गए। मंदिर के आसपास भीड़ ऐसी रही कि मुख्य मार्ग तक लाइन लगी रही।

मंदिर में नहीं था पैर रखने का स्थान

मंदिर के अंदर तो जगह बची नहीं, बाहर भी पैर रखने का स्थान नहीं मिल सका। एक-दूसरे से आगे निकलने के लिए श्रद्धालुओं ने धक्का-मुक्की की। उमस भरी गर्मी में बाहर तीन से चार घंटे तक श्रद्धालुओं को इंतजार करना पड़ा, जब मंदिर में दर्शन का समय आया, तो वहां भी धक्का-मुक्की हुई। मंदिर जाने के लिए श्रद्धालुओं ने छह फीट ऊंची रेलिंग फांदने में भी संकोच नहीं किया।

तबीयत बिगड़ी तो लौट गए बहुत श्रद्धालु

कई श्रद्धालु भीड़ में दब गए, तो तबीयत बिगड़ लगी और उनकी चीख निकल गई। दिन चढ़ता रहा और भीड़ बढ़ती रही। सुबह साढ़े दस से 11 बजे के बीच हरिनिकुंज चौराहा से विद्यापीठ चौराहा से होते हुए मंदिर की गली नंबर तीन तक भीड़ ऐसी रही कि पूरा बाजार पट गया।

परिक्रमा मार्ग के जुगलघाट से मंदिर के गेट संख्या दो तक यही हाल रहा। सुबह शुरू हुई भीड़ दोपहर में 12 बजे मंदिर के पट बंद होने तक कम नहीं हुई। मंदिर के जब पट बंद हुए, तब तक हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर के बाहर थे, लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं मिल सका। वह निराश होकर या तो लौट गए या फिर शाम को दर्शन के लिए पहुंचे।

निधिवन दर्शन को भी भीड़

ठाकुर बांकेबिहारी की प्राकट्य स्थली निधिवन राज मंदिर में भी सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। यहां मंदिर में विशाल खुला क्षेत्र है। इसके बाद भी मंदिर में पैर रखने की जगह नहीं बची। मंदिर के बाहर शाहजी मंदिर, रेतिया बाजार में भक्तों की भीड़ का दबाव बना था। श्रृंगारवट तक भक्तों की भीड़ मंदिर की ओर पहुंची।

'तीन दिन में भीड़ का अनुमान प्रशासन को था, इसे लेकर खाली प्लाटों में गाड़ियां खड़ी कराई गईं। करीब 48 सौ वाहन खड़े कराने की पार्किंग में क्षमता है, लेकिन तीन दिनों में करीब 25 हजार वाहन वृंदावन पहुंचे, ऐसे में स्थिति खराब हुई।