नई दिल्ली । वित्त मंत्रालय ने कहा ‎कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और मानसून की कमी के खतरों के बावजूद देश चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर प्राप्त कर सकता है। इसका प्रमुख कारण कंपनियों की लाभप्रदता, निजी पूंजी निर्माण और बैंक ऋण वृद्धि का बेहतर होना है। वित्त मंत्रालय की अगस्त महीने की मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर के पीछे मजबूत घरेलू मांग, खपत और निवेश मुख्य वजह थी। जीएसटी संग्रह, बिजली खपत, माल ढुलाई आदि जैसे विभिन्न उच्च-आवृत्ति संकेतकों में भी वृद्धि दर्ज की गई। मासिक समीक्षा में वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी, अगस्त में मानसून की कमी का खरीफ एवं रबी फसलों पर असर जैसे कुछ जोखिमों का भी उल्लेख किया गया है। इसके मुताबिक इन जोखिमों का आकलन करने की जरूरत है।