अजमेर । नगर निगम आयुक्त ने मनमानी की है। प्रॉपर्टी सर्वे टेन्डर में हाईकोर्ट ने डायरेक्टर लोकल बॉडी को  नियुक्त किया है। टेन्डर में नगर निगम ने गाइड लाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई हैं। जब ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ लोकल गवर्नमेंट फर्म जो कि सोसाइटी लिखती है कि टेन्डर की राशि जमा नहीं कराई। फिर भी टेन्डर समिति ने इसका टेन्डर खोला। 
ऑल इंडिया नाम की इस फर्म ने ना तो धरोहर राशि दी ना ही तकनीकी योग्यता अनुभव के सर्टीफिकेट लगाए। फिर भी टेन्डर समिति ने अपनी ओर से ही मान लिया कि फर्म को अनुभव है। टेंडर समिति का यह कार्य उच्चाधिकारी के दबाव की ओर इशारा करता है। अब कोर्ट के आदेश पर निकाय विभाग के निदेशक हृदेश कुमार शर्मा द्वारा 12 दिसंबर 2023 को प्रकरण की सुनवाई होगी। इस दौरान वित्तीय सलाहकार मदन मोहन ने भी रिकॉर्ड पर दोनों पक्षों को सुना। इस दौरान अपीलार्थी फर्म की ओर से बताया गया कि ऑल इंडिया लोकल सेल्फ गवर्नमेंट फर्म ने ना तो टेंडर के साथ ईएमडी राशि जमा कराई ना ही फर्म का एसएमई स्मॉल कैटेगरी में राजस्थान का रजिस्ट्रेशन है। टेन्डर डॉक्यूमेंट खामियों से भरा है।
फर्म ने टेंडर के साथ मूल बिड में दिए अनिवार्य शपथ और y फॉर्म में हस्ताक्षऱ् नहीं किए। ऑथराइज्ड सिग्नेटरी का लैटर ही नहीं है। ऐसा शख्स जिसकी को कोई अथारिटी नहीं है वो टेंडर की आखिरी ताऱीख के बाद 28 तारीख की डीडी जमा करवा रहा है। इस तरह की कई अन्य तकनीकी खामियों को सुनवाई में उजागर किया गया है। अपीलार्थी फर्म ने अजमेर नगर निगम के खिलाफ एसीबी में टेंडर एप्रुवल कमेटी और अन्य अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। इस शिकायत पर कार्यवाही चल रही है। अपील पर सुनवाई के दौरान अपीलार्थी फर्म ने इस संबंध में कई तथ्य बताए हैं। स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक हृदेश कुमार द्वारा अब होईकोर्ट के अनुसार 19 दिसम्बर से पहले अपील का फैसला करना है।