हरियाणा में बहादुरगढ़ के भापड़ौदा गांव के पास सोमवार अलसुबह पशु तस्कर कैंटर से पुलिस नाका तोड़कर भाग निकले। झज्जर पुलिस ने पीछा किया तो सोनीपत के हरसाना खुर्द गांव में पशु तस्करों से मुठभेड़ हो गई। इसमें पुलिस ने चार तस्करों को काबू किया। इनके पास से पुलिस को पत्थर, ईंट और अवैध हथियार बरामद हुए हैं।पुलिस ने इनके कब्जे से सात पशुओं को मुक्त कराया है।

आरोपी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के बगरा गांव के रहने वाले हैं।आसौदा थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ में जुटी है।रविवार देररात पुलिस को भापड़ौदा गांव से पशु तस्करों की आवाजाही की सूचना मिली। इस पर नाका लगाया गया। सोमवार अल सुबह जैसे ही तस्करों का कैंटर नाके पर पहुंचा तो पुलिस ने उसे रुकने का इशारा किया, लेकिन तस्कर नाका तोड़ते हुए निकल गए।

पुलिस ने तुरंत अन्य थानों की टीमों को सूचित किया और पशु तस्करों को पीछा शुरू कर दिया।बहादुरगढ़ से होते हुए पशु तस्कर सोमवार सुबह 3:54 मिनट पर सोनीपत के हरसाना खुर्द गांव में पहुंचे। यहां पर पुलिस का आमना-सामना हुआ।तस्करों ने अपनी गाड़ी से पुलिस की गाड़ी में बैक करते हुए टक्कर मार दी और पथराव के साथ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। कुछ ही मिनटों में पुलिस ने चारों पशु तस्करों को दबोच लिया।

इससे पहले शहर के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने किसान संगठनों के 11 प्रतिनिधियों से बीते रविवार को मुलाकात की थी और आश्वासन दिया था कि वह उनकी मांगों को केंद्र तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। बैठक में पंजाब पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। बता दें कि सात जनवरी से चंडीगढ़-मोहाली बार्डर पर कौमी इंसाफ मोर्चा बंदी सिखों की रिहाई के लिए धरना दे रहा है। इससे चंडीगढ़-मोहाली मार्ग बाधित है।

मोहाली पुलिस भी किसानों को रोकने के लिए तैयार है। जीरकपुर में चंडीगढ़ सीमा पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। आने-जाने वाले एक-एक वाहनों की जांच कर किसानों को रोका जा रहा है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कौमी इंसाफ मोर्चे के धरने के कारण पहले ही शहर में लोगों को काफी परेशानी हो रही है इसलिए प्रशासन नहीं चाहता है कि किसान फेज-8 स्थित गुरुद्वारा अंब साहिब पहुंचें और वहां से चंडीगढ़ कूच करें। इसके लिए पुलिस ने कई किसान नेताओं को नजरबंद कर दिया है।