Bihar: होली की छुट्टियों के बाद आज विधानसभा का सत्र फिर से शुरू हुआ तो विपक्ष ने फिर तमिलनाडु केस में उन मीडिया रिपोर्टों के हवाले से हंगामा किया, जिन्हें सरकारी रिपोर्ट अफवाह करार दे चुकी है। सातवें दिन की  कार्यवाही हंगामे से शुरू हुई।

होली की छुट्टियों के बाद सोमवार को विधानसभा का सत्र फिर से शुरू हुआ। आज सातवें दिन की बैठक की शुरुआत ही हंगामे से हुई। इधर, शिक्षा बजट पर कटौती का प्रस्ताव भाजपा द्वारा लाया गया। इधर, शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने जैसे ही अपने विभाग की बजट भाषण की शुरूआत की, वैसे भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा विधायकों ने वॉकआउट कर दिया। इसके बाद शिक्षा मंत्री ने अपने विभाग के बजट पर अपना संबोधन दिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। 

जानिए, क्या-क्या बोले शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर

शिक्षा मंत्री ने कहा कि 85 उच्चविद्यालयों को अनुकरणीय विद्यालय बनाने जा रहे हैं। सिमुलतला विद्यालय के तर्ज पर हर जिले में एक मॉडल स्कूल बनाने की कल्पना भी साकार होने वाली है। प्राइवेट स्कूल में पैसे के बंदरबांट का जो आरोप लगा। इसके लिए सरकार गंभीर है। शिक्षा विभाग इसमें पारदर्शिता लाने के लिए पोर्टल विकसित कर रही है। प्राइवेट स्कूल में कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए भी सरकार गंभीर है। इसपर काम चल रहा है। बिहार सरकार NAAC ग्रेडिंग को लेकर भी गंभीर है। विवि में नियुक्ति का काम भी दो-चार महीनों में खत्म हो जाएगा। न्यायलय में कुछ मामले लंबित हैं। उसके बाद सारा काम हो जाएगा। नियमित नियुक्ति को लेकर बिहार सरकार गंभीर है। विवि प्रशासन से हमने कहा कि जब नियमित नियुक्ति नहीं हो रही है तब तक आप गेस्ट फैकल्टी नियुक्त कर सकते हैं। आप इसके लिए स्वतंत्र हैं। सरकार राशि देने का काम करेगी। शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। इसपर सरकार गंभीर है। जब सौ शिक्षक मिलते हैं तो सिर्फ स्थानांतरण की बात करते हैं। सरकार ने जो समस्या देखी है उसको लेकर अब नई नियुक्ति नियमावली आने वाली है। इसमें फर्जीवाड़ा नहीं होगा। प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में भी शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। उर्दू-फारसी शिक्षकों के लिए 26000 वैकेंसी आएगी। हम अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्व शिक्षा कैसे दें, इसके लिए हम संकल्पित हैं। 

शिक्षा शेरनी का दूध है जो पीयेगा वह दहाड़ेगा

शिक्षा मंत्री ने कहा कि बाबा साहेब ने कहा कि शिक्षा शेरनी का दूध है जो पीयेगा वह दहाड़ेगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरसंघचालक ने ग्रंथों की समीक्षा की बात कही। यह बात मैंने नहीं कही। शिक्षा मंत्री गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित रामचरित मानस को सदन में दिखाया। कहा कि इसके पेज नंबर 855 में तारणा का अर्थ सीधे पर पर दंडित करना लिखा है। उन्होंने मनुस्मृति में लिखे कई श्लोकों का भी जिक्र किया। एक इतिहासकार ने तो नरबलि की चर्चा की है। अब यह आवाम नरबलि नहीं बल्कि जवाब देना चाहता है। उन्होंने कहा कि आज भी दलित वर्ग के लोग घोड़ी नहीं चढ़ सकते हैं, मंदिर नहीं जा सकते हैं। यह नफरत वालों के राज में ऐसा हुआ। यहां के तत्कालीन मुख्यमंत्री मंदिर गए तो प्रांगण को धो दिया गया। एक पूर्व राष्ट्रपति को जगन्नाथ मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश नहीं करने दिया गया। यह कौन लोग हैं जो नफरत फैला रहे। आज भी सुपन भगत और सबरी का बेटा मंदिर नहीं जा सकता है। 

शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए हमलोग अभियान चला रहे

शिक्षा मंत्री ने कहा कि भाजपा वाले आज हंगामा कर रहे हैं, मगर यह तो बताइए आज देश में नौ साल से किसकी सरकार है। तब क्यों नहीं विकास किया। साजिश रचकर गरीबों के विश्वविद्यालय JNU को भी इनलोगों ने नहीं छोड़ा। बिहार की शिक्षा पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां मानव संसाधन की कमी है। यह कितनी खुशी की बात है कि बिहार बजट का 22 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा का है। शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए हमलोग अभियान चला रहे हैं। सरकार शिक्षादान योजना पर गंभीरता से चर्चा कर रही है।