माघ मास की अमावस्या या मौनी अमावस्या का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है. ज्योतिषाचार्य पं. पंकज पाठक के अनुसार, माघ माह में मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखना चाहिए. इस व्रत के समय कुछ भी नहीं बोला जाता है. इस लिए इसे मौनी अमावस्या कहते हैं. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि का शुभ संयोग भी बन रहा है.

मौनी अमावस्या कब से कब तक
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, माघ माह में मौनी अमावस्या 9 फरवरी दिन शुक्रवार को पड़ रही है. मौनी अमावस्या की शुरुआत 9 फरवरी को सुबह 8 बजकर 2 मिनिट से होगी. अमावस्या 10 फरवरी की सुबह 4 बजकर 28 मिनट तक रहेगी.

सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग
इस मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि का शुभ संयोग बन रहा है. यह शुभ संयोग 9 फरवरी को सुबह 7 बजकर 5 मिनट से देर रात 11 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. शुभ संयोग के समय व्यक्ति के द्वारा किए कार्य में सफलता प्राप्त होती है. इस संयोग में पूजा पाठ करने से व्यक्ति को पूर्ण लाभ होता है.

इन दोषों से मिलता है छुटकारा
माघ माह की मौनी अमावस्या पर मौन व्रत करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है. खास बात यह कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को पितृ दोष एवं काल सर्प दोष से भी छुटकारा मिलता है. इसलिए इस दिन मौन व्रत रखकर पूजन करें एवं दान पुण्य करें.

होगी मोक्ष की प्राप्ति
माघ मास की मौनी अमावस्या पर सबसे पहले किसी पवित्र नदी में स्नान करें. स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद तिल, आंवला एवं वस्त्रों का दान करें. अगर आप ऐसा करते हैं तो मोक्ष की प्राप्ति होगी. अमावस्या पर व्यक्ति को शांत रहना चाहिए. साथ ही आत्मचिंतन करना चाहिए. इस दिन अपने अंदर के दुर्गुणों को दूर करना चाहिए. मान्यता के अनुसार, इस दिन जो व्यक्ति पवित्र नदियों गंगा, नर्मदा आदि में स्नान करता है, वह समस्त प्रकार के कष्टों से मुक्ति पा जाता है.