श्रीनगर। आतंकवाद को लेकर जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा है कि भारत के पास आतंकवाद के खात्मे की इच्छा शक्ति और रणनीति दोनों हैं। इसलिए पाकिस्तान को समझना चाहिए कि सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ जैसी हरकतों से उसे बचना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी आरआर स्वैन ने शनिवार को कहा कि सीमा पार की सरकार जम्मू और कश्मीर के नागरिकों और यहां के विकास के लिए हानिकारक हैं। पाक लगातार कश्मीर में शांति को बाधित करने और घाटी को आतंकवाद और हिंसा के काले दिनों में वापस खींचने की कोशिश कर रही है। उन्होंने स्थानीय लोगों को खतरे के प्रति जागरूक करते हुए और सतर्क रहने के लिए कहा है। आपको बता दें कि उनकी यह टिप्पणी राजौरी मुठभेड़ के ठीक बाद आई है। इस एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने एक गुफा के अंदर छिपे दो पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया था।
राजौरी जिले के बाजीमल इलाके में आतंकवादियों और सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम के बीच मुठभेड़ में दो वरिष्ठ रैंकिंग अधिकारियों सहित पांच सैनिकों की भी जान चली गई। सेना ने जिन दो आतंकवादियों को मार गिराया उनमें लश्कर-ए-तैयबा का स्नाइपर कारी भी शामिल था। वह कश्मीर में हाल की कई आतंकवादी घटनाओं में शामिल था। राजौरी गोलाबारी में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों की पहचान कैप्टन एम वी प्रांजल, कैप्टन शुभम गुप्ता, लांस नायक संजय बिष्ट, पैराट्रूपर सचिन लौर और हवलदार अब्दुल माजिद के रूप में की गई।
शनिवार को पुंछ में एक जनता दरबार के मौके पर डीजीपी स्वैन ने कहा, हाल की घटनाओं से मुझे अत्यधिक चिंतित होने का कोई कारण नहीं है। लेकिन मुझे लगता है कि एक आम नागरिक, विशेष रूप से वहां रहने वाला जम्मू प्रांत के लोगों को मानसिक रूप से सतर्क रहना चाहिए। हालांकि भारत को नुकसान पहुंचाने की उनकी क्षमता वैसी नहीं है जैसी वे इसे पेश करना चाहते हैं।उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि सीमा पार आतंकवाद कश्मीर में सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। डीजीपी ने कहा, कोई भी इस वास्तविकता से दूर नहीं भाग रहा है कि यह एक चुनौती है। लेकिन भारत सरकार के पास साधन, इच्छाशक्ति और इसे हराने का संकल्प है।