भोपाल ।   भोपाल के बीआरटीएस कारिडोर (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) को आज यानी शनिवार रात 10 बजे से तोड़ना शुरू किया जाएगा। इसके लिए नगर निगम और जिला प्रशासन ने मिलकर पूरी योजना तैयार कर ली है। प्रथम चरण में लालघाटी से बैरागढ़ तक के कारिडोर को तोड़ा जाएगा। यह काम पीडब्ल्यूडी और निगम प्रशासन के अमले द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। यहां सुरक्षा के लिए एक से डेढ़ मीटर तक का क्षेत्र बंद किया जाएगा और सोलर लाइट लगाई जाएंगी। पीडब्ल्यूडी के ब्रिज ईई जावेद शकील ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार बीआरटीएस कारिडोर को तोड़ने का काम रात में 10 बजे से शुरू किया जाएगा। इस दौरान ट्रैफिक कम रहता है। हलालपुर से इसकी शुरुआत की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने देखा था प्रजेंटेशन

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने विगत बुधवार को प्रजेंटेशन देखने के बाद बीआरटीएस को हटाने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए थे। इसके बाद बैरागढ़ (संत हिरदाराम नगर) से शुरुआत करने की बात कही गई थी। 24 किलोमीटर लंबे बीआरटीएस के दोनों ओर दिन में ट्रैफिक का ज्यादा रहता है, इसलिए जब रात में ट्रैफिक कम होगा तब हटाने के निर्देश है। यही कारण है कि आज शनिवार रात से बीआरटीएस को तोड़ने का काम शुरू किया जाएगा। मिसरोद से एम्प्री तक, रोशनपुरा से कमला पार्क और कलेक्टोरेट से लालघाटी के बीच बीआरटीएस को तोड़ने में कुल 18.51 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

हटाए जाएंगे 48 बस स्टाप

संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) से मिसरोद तक बीआरटीएस कारिडोर की कुल लंबाई करीब 24 किलोमीटर है। इसमें से 4 किमी डेडिकेटेड लेन पहले ही हट चुकी है। ऐसे में 20 किमी कारिडोर को हटाने जाने की कवायद होगी। इसके साथ 48 से अधिक बस स्टाप भी हटेंगे। सिटी बसें बंद नहीं होंगी। वे दोनों लेन पर दौड़ेंगी। बीआरटीएस कारिडोर पर कुल 357 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।

कारिडोर की वजह से ये परेशानियां

- कारिडोर से सिर्फ सिटी बसें ही गुजरती हैं। दूसरी गाड़ियां नहीं निकल पातीं। इस कारण दोनों ओर वाहनों के जाम की स्थिति बन रही है। यदि मिनी बसें या अन्य गाड़ियां कनेक्ट होती तो जाम की स्थिति नहीं बनती।
- इन्हीं कारणों की वजह से दिल्ली से भी कारिडोर हट चुका है। कारिडोर हटाने से दोनों ओर एक-एक लेन मिल जाएगी। इससे ट्रैफिक का मूवमेंट ठीक होगा, लेकिन इसे हटाने के बाद बसों के लिए भी सिस्टम क्रिएट करना पड़ेगा, ताकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को यूज करने के लिए भी सुविधा देना पड़ेगा।
- रोड सेफ्टी पर भी ध्यान देना पड़ेगा। बस स्टाप भी बनाने होंगे, ताकि बसों के ठहराव के साथ दिव्यांग और सीनियर सिटीजन के लिए व्यवस्था जुटाई जा सके। इसे हटाने के बाद बेहतर नॉन बीआरटीएस सिस्टम देना होगा।

इस वजह से स्वयं तोड़ रहा पीडब्ल्यूडी

संत हिरदाराम नगर में एलीवेटेड कारिडोर प्रस्तावित है। इसका काम जल्द शुरू होने वाला है। इसलिए पीडब्ल्यूडी खुद ही इसे तुड़वा रहा है। इसमें निगम और प्रशासन का अमला भी सहायता करेगा।

इस तरह तैयार की गई है बीआरटीएस तोड़ने की योजना

01 - होशंगाबाद पर बने बीआरटीएस कारिडोर की लंबाई 6.7 किलोमीटर है। जिस पर पर्याप्त राइट आफ वे एवं जमीन उपलब्ध होने के बाद भी वाहनों के लिए सिर्फ दो लेन ही है। बीआरटीएस हटाकर 3-3 लेन का सिक्सलेन मार्ग का निर्माण हो सकता है। इसमें 11.67 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके साथ साइकिल ट्रैक का उपयोग भी उचित रूप से नहीं होने से यह टू व्हीलर के लिए उपयोगी बनाया जा सकता है।

02 - इसकी लंबाई 1.42 किलोमीटर है, जो शहर के व्यस्त क्षेत्र में स्थित होकर ट्रैफिक के लिए बाधित बन रहा है। इस लंबाई में डेडिकेटेड कारिडोर हटाया जाकर मिक्स्ड वाहनों के लिए तीन लेन सड़क मय सेंट्रल वर्ज के बनाए जाने में करीब 3.21 करोड़ रुपए खर्च आ सकता है।

03 - कलेक्टोरेट से लालघाटी तक यह 1.73 किलोमीटर लंबा है। इसे हटाकर दोनों ओर तीन -तीन लेन की सड़क हो जाएगी। इसमें कुल 3.63 करोड़ रुपए खर्च आ सकता है।

04 - हलालपुर से सीहोर नाके तक कुल 3.81 लंबाई के इस कारिडोर को भी हटाया जाएगा। इससे बैरागढ़ में ट्रैफिक काफी हद तक सुधर सकता है। बैरागढ़ में 306 करोड़ रुपए की लागत से एलीवेटेड कारिडोर प्रस्तावित है। इसके टेंडर भी हो चुके हैं। इसी प्रोजेक्ट में बीआरटीएस को हटाया जाना भी शामिल हैं। इसके चलते जिला प्रशासन या नगर निगम को अतिरिक्त कोई खर्च नहीं करना पड़ेगा।यह बात मीटिंग में मुख्य सचिव के सामने रखी गई। कारिडोर को पीडब्ल्यूडी ही हटवाएगा। जिस जगह कारिडोर है, वही पर एलीवेटेड कारिडोर के पिलर खड़े होंगे।
 

इनका कहना है

भोपाल में बीआरटीएस कारिडोर तोड़ने की शुरुआत आज शनिवार रात 10 बजे संत हिरदाराम नगर से की जाएगी। यहां पर नगर निगम, प्रशासन और पीडब्ल्यूडी का अमला संयुक्त रूप से कार्रवाई करेगा।

- कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर, भोपाल