हैज़ा रोग में अजीर्ण से प्रकुपित वायु अंगों में सुई जैसी चुभन उतपन्न करता हुआ स्थिर होता हैं भोजन के प्रति असंयमित व्यक्ति इससे पीड़ित होते हैं। 
इस रोग में मूर्छा ,अतिसार ,वामन ,प्यास ,शूल ,भ्र्म ,ऐठन ,जम्हाई ,डाह विवर्णता ,कम्पन ,ह्रतप्रदेशमें पीड़ा और शिरशूल मुख्य लक्षण होते हैं 
भारत में एक बार फिर हैजा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अगर आपका पेट खराब है या दस्त लग रहे हैं तो तुरंत ओआरएस का घोल पीना शुरू करके
भारत में कुछ साल पहले तक हैजा का नाम सुनते ही लोग खौफ में आ जाते थे। क्योंकि, 1817 में बंगाल से शुरू हुई इस महामारी ने भयंकर रूप ले लिया था और खत्म होने तक उस वक्त 10-20 लाख लोगों की जान (एक अनुमान के मुताबिक) ले ली थी। मगर अब फिर से इसका प्रकोप देखा जा रहा है, जिसकी जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने बताया कि फिलहाल २२ देश हैजा की महामारी का सामना कर रहे हैं और कुल ४३ देशों के १०० करोड़ लोगों के चपेट में आने का खतरा है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, कोलेरा यानी हैजा अभी भी दुनिया के लिए बड़ा खतरा है, जो कभी भी भयंकर रूप ले सकता है। इसलिए भविष्य के बारे में कुछ भी पुख्ता रूप से कहना गलत होगा। मगर इससे ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उचित बचाव और एहतियात से इस प्रकोप को कंट्रोल किया जा सकता है। २०११ से २०२० के बीच भारत में ५६५ बार हैजा का प्रकोप देखा गया है, जिसमें २६३ लोगों ने जान गंवाई थी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हैजा एक एक्यूट डायरिया इंफेक्शन है, जो विब्रियो चोलेरै बैक्टीरिया से संक्रमित पानी और खाद्य पदार्थों के सेवन से होता है। यह बीमारी बच्चों और वयस्कों, दोनों को प्रभावित कर सकती है। इसलिए सभी को जरूरी एहतियात बरतनी चाहिए।
कोलेरा (कॉलरा) पेट का इंफेक्शन होता है, इसलिए पेट खराब होना इसका पहला लक्षण है। संक्रमित होने के १२ घंटे से लेकर ५ दिन के भीतर यह लक्षण दिख सकता है, हालांकि, कुछ लोगों में इस बीमारी का कोई संकेत नहीं मिलता है। १२ घंटे के भीतर पेट खराब होने के बाद गंभीर दस्त (डायरिया) लग सकते हैं, जो कि शरी में पानी की घातक कमी कर सकते हैं।
हैजा के गंभीर मामलों में इलाज की तुरंत जरूरत होती है। क्योंकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि अगर इसकी गंभीर बीमारी में चिकित्सीय मदद मिलने में देरी होती है, तो मरीज की कुछ ही घंटों में मौत हो सकती है। इसलिए गंभीर दस्त की समस्या को हल्के में लेने की गलती ना करें और डॉक्टर के पास जाएं।
गंभीर दस्त के साथ हैजा के कुछ अन्य लक्षण भी होते हैं, जो डिहाइड्रेशन के कारण दिखते हैं। जैसे- उल्टी, प्यास लगना, लेग क्रैम्प, चिड़चिड़ापन, तेज धड़कन, लो ब्लड प्रेशर आदि। इस बीमारी से बचने के लिए पीने के पानी और खाने की चीजों को साफ करके ही खाएं।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, हैजा का इलाज बेहद आसान है और घर पर ही हो सकता है। दस्त लगने पर तुरंत ओआरएस का सेवन शुरू कर दें। एक वयस्क मरीज को पहले दिन में ६ लीटर ओआरएस का घोल पीना चाहिए।
आयुर्वेदानुसार ---लहसुन, जीरा बीज,काला नमक ,सेंधा नमक ,अदरक ,काली मिर्च ,शुद्ध हींग सामान मात्रा में मिलाकर गोली बनाकर उसमे नीबू स्वरस मिलाकर ५०० मिलीग्राम गोली दिन में चार खाने से आराम मिलता हैं।