'छोड़ दीजिए' की गुहार लगाते रहे भक्त, मेहंदीपुर बालाजी में बाउंसरों का 'डंडा-राज', सिर फोड़े

राजस्थान के दौसा जिले में स्थित प्रसिद्ध मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में एक बार फिर बाउंसरों की दबंगई सामने आई है. यहां सोमवार को दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं के साथ बाउंसरों ने बदसलूकी, गाली-गलौज करते हुए मारपीट की. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. लोग मंदिर के अनियंत्रित भीड़ प्रबंधन और बाउंसरों की गुंडागर्दी को लेकर ट्रस्ट की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं.
घटना रविवार दोपहर की है, जब मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी हुई थी. इसी दौरान लाइन में लगने को लेकर कुछ श्रद्धालुओं, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, की ट्रस्ट द्वारा तैनात बाउंसरों से कहासुनी हो गई. इसके बाद बाउंसरों ने गाली-गलौज करते हुए महिलाओं पर लाठियों से हमला कर दिया. मारपीट में कई श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें कुछ के सिर फट गए.
घायल श्रद्धालुओं की संख्या सात बताई जा रही है. हैरानी की बात यह रही कि मंदिर प्रशासन ने घायलों को अस्पताल ले जाने की भी कोई व्यवस्था नहीं की. श्रद्धालु खुद के साधनों से अस्पताल पहुंचे और इलाज करवाया. घटना की सूचना मिलने पर श्रद्धालुओं ने टोडाभीम थाने में मामला दर्ज करवाया, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन बाउंसरों को गिरफ्तार कर लिया है.
बाउंसरों ने श्रद्धालुओं को पीटा
वायरल वीडियो में दिख रहा है कि श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है. वहीं कुछ बाउंसर लोगों से बहस करने लगते हैं. तभी डंडे लेकर बाउंसर श्रद्धालुओं को पीटने लगते हैं. महिला श्रद्धालुओं के साथ भी मारपीट होती है. कुछ लोग बाउंसरों से कहते हैं- ए भइया, छोड़ दीजिए…बावजूद बाउंसर उन्हें पीटते रहते हैं. इसमें एक लड़के के सिर से खून भी निकलता नजर आता है. वीडियो में काफी गाली-गलौज है. इसलिए हम उसे दिखा नहीं सकते.
मंदिर ट्रस्ट की कार्यप्रणाली पर लोगों ने उठाए सवाल
इस पूरी घटना ने मंदिर ट्रस्ट की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब मंदिर में महिला श्रद्धालु बड़ी संख्या में आती हैं, तो महिला बाउंसरों की नियुक्ति क्यों नहीं की जाती? वर्तमान में पूरे मंदिर परिसर में केवल पुरुष बाउंसर ही तैनात हैं, जो भीड़ को नियंत्रित करने के नाम पर अक्सर शक्ति का दुरुपयोग करते हैं.
ऐसे में महिला श्रद्धालुओं के साथ पुरुष बाउंसरों की धक्कामुक्की और अभद्रता गंभीर चिंता का विषय है. जब इस मुद्दे पर मंदिर ट्रस्ट के सचिव मनोज माथुर से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कई बार कॉल करने पर भी फोन नहीं उठाया.