बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) के इस्पात से युद्धपोत आइएनएस विक्रांत का निर्माण हुआ है। यहां की स्टील का कई देशों में निर्यात हो रहा है। अब आलम यह है कि इसी संयंत्र की सुरक्षा खतरे में है। यहां अपराधी बतौर ठेका श्रमिक काम कर रहे हैं।

जीआरपी ने ऐसे 15 अपराधियों की सूची कांड संख्या के साथ सीआईएसएफ को दी है। इन अपराधियों पर चोरी, लूट समेत कई आपराधिक मुकदमे हैं। और तो और इस सूची में बीएसएल में भी चोरी करने के आरोपित हैं। सीआईएसएफ ने बीएसएल प्रबंधन को ऐसे अपराधियों का गेट पास बनाने की स्वीकृति देने वाले इंजीनियर इंचार्ज पर कार्रवाई करने को कहा है।

प्लांट के सूत्रों ने बताया कि बीएसएल में करीब 9700 ठेका श्रमिक काम करते हैं। ये उत्पादन समेत कई महत्वपूर्ण विभागों में कार्यरत हैं। इनमें करीब 50 ऐसे ठेका श्रमिक हैं, जिन पर आपराधिक मुकदमे हैं। कई सजायाफ्ता भी यहां काम कर रहे हैं। कई जमानत पर छूटकर आए हैं। इसके बाद भी इन्हें संयंत्र परिसर में काम करने की हरी झंडी दी गई। अलग-अलग विभागों के इंजीनियर इंचार्ज ने गेट पास बनाने की स्वीकृति दी।

प्लांट की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ अधिकारियों को जीआरपी से सूची मिलने के बाद उनके हाथ-पांव फूल गए हैं। औद्योगिक सुरक्षा बल के आला अधिकारियों ने बोकारो के पुलिस अधीक्षक को सूचना भेजी है कि चास, बीएस सिटी, हरला, माराफारी, सेक्टर-12, बालीडीह आदि थाने के अपराधियों का रिकार्ड उपलब्ध करा दें। बीएसएल में मौजूद डाटा से मिलान कर यहां बतौर ठेका श्रमिक काम कर रहे अपराधियों की पहचान की जाएगी।

संयंत्र के रेलवे यार्ड के पास जीआरपी टीम ने गश्त के दौरान कुछ अपराधियों को पकड़ा। पूछताछ में उन्होंने स्वयं को बीएसएल का ठेका श्रमिक बताया। पहचान पत्र के तौर पर गेट पास दिखाया। इनमें कई ऐसे अपराधी थे, जो पहले जीआरपी के हत्थे चढ़कर जेल गए थे।

तब जीआरपी ने 15 अपराधियों की पहचान कर सीआईएसएफ अधिकारियों को जानकारी दी। अब सीआईएसएफ अधिकारियों ने निर्देश जारी किया है कि बिना पुलिस सत्यापन किसी भी ठेका श्रमिक का गेट पास नहीं बनाया जाए।

जीआरपी ने जिन 15 अपराधियों की सूची सौंपी है, वे चास, बीएस सिटी, हरला, माराफारी व बालीडीह थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं।