भाजपा के असंतुष्टों पर कांग्रेस की नजर
भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी में जुटी कांग्रेस ने अब रणनीति में बदलाव किया है। कांग्रेस अपने प्रत्याशियों के नाम के ऐलान से पहले भाजपा प्रत्याशियों की लिस्ट पर नजर बनाए हुए है। इसकी वजह ये है कि भाजपा में पुराने और असंतुष्ट नेताओं की लंबी कतार है जो अपनी उपेक्षा से आहत हैं। पिछले चुनावों में ये नेता पार्टी को नुकसान पहुंचा चुके हैं।
कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा मध्य प्रदेश में कांग्रेस की हवा चल रही है। कर्नाटक चुनाव की तरह मध्यप्रदेश में भी भाजपा 70 से ज्यादा चेहरों के टिकट काटने की तैयारी में है। भाजपा अब सिंधिया भाजपा बन गई है और मूल भाजपाई परेशान हैं। ऐसे में भाजपा के अंदर भगदड़ के हालात हैं। कांग्रेस पार्टी और कमलनाथ भाजपा के अंदर हो रही गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं।
2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार में मंत्री रहे रामकृष्ण कुसमरिया और सरताज सिंह जैसे बड़े नेताओं ने पार्टी से नाराज होकर कॉन्ग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और भाजपा का सियासी गणित गड़बड़ा गया। इस बार भी भाजपा के अंदर असंतुष्ट नेताओं के सुर सुनाई देने लगे हैं। विंध्य में नारायण त्रिपाठी पार्टी लाइन से अलग चलकर विंध्य प्रदेश की मांग कर रहे हैं। बुंदेलखंड में जयंत मलैया ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। विधायक उमाकांत शर्मा खुद की जान को खतरा बता रहे हैं। पार्टी के सीनियर लीडर गौरीशंकर बिसेन, पारस जैन, अजय विश्नोई, दीपक जोशी, गौरीशंकर शेजवार पार्टी लाइन से हटकर बयान देते सुनाई पड़ते हैं। ऐसे में इतना ही है भाजपा इस बार टिकट वितरण में पार्टी लाइन के बाहर जाने वाले नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाएगी और यही वजह है कि भाजपा के अंदर असंतोष पर कॉन्ग्रेस की पैनी नजर है। टिकट वितरण के दौरान और चुनाव नजदीक आते ही भाजपा में कितना असंतोष का शोर सुनाई देता है। इस पर सभी की नजरें होंगी। लेकिन यह तय है इस बार विधानसभा चुनाव में असंतुष्ट सियासी दलों की जमावट बिगाड़ेंगे।
मतलब साफ है कांग्रेस पार्टी अब टिकट फाइनल करने से पहले भाजपा के टिकटों का ऐलान होने का इंतजार करेगी। ताकि भाजपा असंतुष्ट होकर कांग्रेस भाजपा की मुश्किलें बढ़ा सकें। हालांकि भाजपा मीडिया विभाग के प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने टिकट वितरण को लेकर भाजपा की थ्योरी बतायी है। पाराशर के मुताबिक भाजपा में किसी का टिकट नहीं काटा जाता है बल्कि टिकट दिया जाता है। और जिसे टिकट दिया जाता है उसके साथ पूरी पार्टी खड़ी होती है। लोकेंद्र पाराशर ने कहा कांग्रेस से अपना घर संभल नहीं रहा वो शंका कुशंकाओं के दौर से गुजर रही है। भाजपा में कोई असंतुष्ट नहीं है। असंतोष और बगावत कांग्रेस के अंदर है। इस कारण कांग्रेस 15 महीने सरकार नहीं चला पाई।