उज्जैन  ।   मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन के महाकाल मंदिर में भस्म आरती के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है। यहां भस्म आरती दिखाने की परमिशन की एवज में दिल्ली के तीन दर्शनार्थियों से छह हजार रुपये वसूले गए। यह परमिशन उज्जैन विकास प्राधिकरण के नाम से बनवाई गई है। मंदिर समिति पूरे मामले की जांच करवाने का दावा कर रही है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के नाम पर होने वाली ठगी की घटनाएं थम ही नहीं रही हैं। इस बार फिर दिल्ली के तीन श्रद्धालुओं से भस्म आरती में परमिशन के नाम पर छह हजार रुपये वसूले गए हैं। हैरत की बात तो यह है कि इन श्रद्धालुओं की जो परमिशन बनी है, वह उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष के नाम से बनवाई गई है। फिलहाल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष खुद उज्जैन कमिश्नर हैं। बेखौफ ठगों ने उज्जैन संभागायुक्त के नाम पर ही भस्म आरती की परमिशन बनवाकर तीन श्रद्धालुओं से छह हजार रुपए वसूल लिए।

जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार अलसुबह हुई भस्म आरती में दिल्ली से आए तीन श्रद्धालु आलोक कुमार, ध्रुव कुमार और दीपांशु शर्मा शामिल होना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने मंदिर से जुड़े किसी पुरोहित के माध्यम से भस्म आरती की परमिशन बनवाई। भस्म आरती की यह परमिशन अध्यक्ष उज्जैन विकास प्राधिकरण के नाम से जारी हुई है। श्रद्धालुओं ने भस्म आरती के दर्शन का लाभ भी ले लिया। सूत्रों के मुताबिक, जब मंदिर परिसर में इस घटना के बारे में चर्चा चली तो मामला उजागर हुआ। चूंकि परमिशन कराने वाला कोई पंडे-पुजारी से जुड़ा व्यक्ति है, इस कारण खुलकर कोई नहीं बोला। लेकिन संभाग आयुक्त (विकास प्राधिकरण अध्यक्ष) के नाम से परमिशन कराई थी, इस कारण प्रशासनिक अमला भी सक्रिय हो गया। इधर, कलेक्टर ने इस मामले में मंदिर समिति के जिम्मेदारों को तलब किया तो पूरे मामले की जांच शुरू हो गई। वहीं, महाकाल मंदिर प्रबंध समिति इस मामले में जांच के बाद मामला दर्ज करवाने की बात कह रही है।