भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मंगलवार को चंद्रयान-3 अंतरिक्षयान को पृथ्वी की कक्षा से निकालकर सफलतापूर्वक चांद की कक्षा की तरफ रवाना किया।  ISRO ने बयान में कहा कि 'चंद्रयान-3 ने पृथ्वी की कक्षा का चक्कर पूरा कर लिया है और अब यह चांद की तरफ बढ़ रहा है।'

ISRO ने बताया कि ISTRAC (ISRO Telemetry, Tracking and Command Network) सफलतापूर्वक पेरिजी फायरिंग की गई। जिसके बाद अंतरिक्षयान ने चांद की अपनी यात्रा शुरू कर दी है। अगल कदम चांद है। पांच अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 अंतरिक्षयान चांद की कक्षा में प्रवेश करेगा। इसके बाद 16 अगस्त तक अंतरिक्षयान चांद की कक्षा में चक्कर लगाएगा।

17 अगस्त को चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर ऊपर प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर अलग होगा। 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे चंद्रयान-3 को चांद की सतह पर लैंडिंग करनी है।ISRO ने 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर अपनी महत्वकांक्षी योजना चंद्रयान-3 अंतरिक्षयान को रवाना किया था।

चंद्रयान-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। लैंडर और रोवर चांद के दक्षिण ध्रुव पर उतरेंगे और 14 दिन तक वहां प्रयोग करेंगे। इस मिशन के जरिए ISRO पता लगाएगा कि चांद की सतह पर भूकंप कैसे आते हैं साथ ही चंद्रमा की मिट्टी का अध्ययन भी करेगा।