दिल्ली हाईकोर्ट में रविवार को एक महिला की याचिका पर सुनवाई की गई, जिसे ग्रुप चार श्रेणी में बिहार भवन में अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी। महिला के पति की मृत्यु के बाद उसे नौकरी दी गई थी।

फर्जी दस्तावेज जमा करने के कारण महिला को अपनी सेवा समाप्त करने का आदेश दिया गया था, जिसके खिलाफ याचिका लगाई गई थी।

हईकोर्ट ने महिला को सेवा से बर्खास्त करने के आदेश को बरकरार रखा है। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा है कि नियोक्ता को जाली दस्तावेज जमा करने वाले कर्मचारियों से सख्ती से निपटना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने कहा कि ऐसे लोगों के प्रति कोई सहानुभूति या करुणा नहीं दिखाई जा सकती। 

2009 में, महिला को शराब में धुत्त होकर बिहार भवन में दूसरों को परेशान करने के आरोप पर कारण बताओ नोटिस दिया गया था। इसके बाद महिला को निलंबित कर दिया गया और प्रारंभिक जांच के दौरान यह सामने आया था कि महिला द्वारा प्रस्तुत प्रमाण पत्र पर एक जाली दस्तावेज था।