नया कारोबारी साल (FY2024-25) शुरू हो गया है। ऐसे में अब टैक्सपेयर के पास टैक्स से जुड़े कामों को निपटाने का वक्त आ गया है।

करदाता को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना है। उनके पास भले ही आईटीआर फाइल करने के लिए टाइम है पर अगर टैक्स रिजीम की बात करें तो उसे चुनने के लिए काफी कम समय है।  

बता दें कि इस वित्त वर्ष से नई टैक्स रिजीम डिफॉल्ट टैक्स रिजीम बन गई है। अगर करदाता कोई टैक्स रिजीम का सिलेक्शन नहीं करता है तो वह ऑटोमैटिक न्यू टैक्स रिजीम के तहत आईटीआर फाइल करेगा।

ऐसे में अभी भी करदाता टैक्स रिजीम को लेकर काफी कंफ्यूज है कि वो कौन-सा टैक्स रिजीम सेलेक्ट करें। कई करदाताओं ने कर व्यवस्था का चयन कर लिया है परंतु वह अब उसे बदलना चाहते हैं। ऐसे में अब सवाल आता है कि क्या टैक्स रिजीम चुनने के लिए अभी भी समय है या नहीं।  

कैसे बदलें टैक्स रिजीम

अगर आपने कोई टैक्स रिजीम सेलेक्ट कर लिया है परंतु अब उसे बदलना चाहते हैं तो आप आसानी से रिजीम को बदल सकते हैं। बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर रिटर्न फाइल करने के लिए सभी फॉर्म उपलब्ध हैं।

आईटीआर फॉर्म में टैक्स रिजीम सेलेक्ट करने का ऑप्शन भी मौजूद है। इसका मतलब है कि जिन करदाता ने अभी तक टैक्स रिजीम सेलेक्ट नहीं किया है वह कर सकते हैं।

आप जब टैक्स रिजीम सेलेक्ट करेंगे तो आपसे सेक्शन 115BAC(6) के तहत पूछा जाएगा कि आप न्यू टैक्स रिजीम के तहत रिटर्न फाइल करना चाहते हैं? अगर आप NO को सेलेक्ट करते हैं तब पुरानी कर व्यवस्था के तहत टैक्स कैलकुलेट होगा।

अगर आप बिजनेस इनकम के तहत रिटर्न फाइल करते हैं तब टैक्स रिजीम बदलने का नियम अलग होता है। आपको टैक्स रिजीम बदलने के लिए आईटीआर फाइल करने से पहले Form 10-IEA भरना होगा।

TDS के समय चुनी टैक्स रिजीम को कर सकते हैं चेंज

कई बार कंपनी इन्वेस्टमेंट प्रूफ करते समय यानी टीडीएस (TDS) कैलकुलेट करते समय ही टैक्स रिजीम चुन लेती है। ऐसे में अगर आप टैक्स रिजीम बदलना चाहते हैं तो आपके पास अभी भी मौका है। आपने एक वित्त वर्ष के लिए जो भी टैक्स रिजीम चुनी है, आप आईटीआर फाइल करते समय उसे बदल सकते हैं।

कितनी बार बदल सकते हैं टैक्स रिजीम

कई करदाता के मन में सवाल आता है कि आखिर वो कितनी बार टैक्स रिजीम बदल सकते हैं। टैक्स रिजीम स्विच करने का नियम सभी करदाता के लिए अलग होता है। 'बिजनेस इनकम' रखने वाले करदाता के पास टैक्स रिजीम स्वविच करने का केवल एक ही मौका होता है। इसका मतलब है कि अगर किसी करदाता ने नई कर व्यवस्था का चयन किया तो वह केवल एक बार ही इसे स्विच या बदल सकता है।

वेतनधारक करदाता के पास हर साल यह मौका होता है। वह हर साल जब भी आईटीआर फाइल करते हैं तो टैक्स रिजीम को स्विच कर सकते हैं।