बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर सहरसा के शिक्षक स्वर्गीय शशि यादव के परिजनों से मिलने सहरसा पहुंचे। उन्होंने शशि यादव की संदिग्ध मौत पर दुःख जाहिर करते हुए परिजनों को मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच कराने का आश्वासन दिया है। मृतक शशि यादव के पिता सेवानिवृत शिक्षक महेशरी प्रसाद यादव ने शिक्षा मंत्री को आवेदन देकर मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

क्या मामला था 
27 जनवरी को सदर थाना क्षेत्र के शिवपुरी ढाला के पास शिक्षक शशि यादव अपने मित्र के साथ खड़े थे।तभी उधर से पुलिस की 112 नंबर की गाड़ी वहां से गुजर रही थी। वहां किसी बात को लेकर शिक्षक शशि यादव से पुलिस की बहस हो गई और इसी क्रम में पुलिस ने शशि यादव को गाड़ी में बैठा लिया। इस बात की सूचना स्थानीय लोगों ने परिजनों को दी। सूचना मिलते ही परिजन सदर थाना पहुंचे लेकिन शशि यादव थाने पर नहीं थे। पूछने पर पुलिसकर्मियों ने बताया कि शशि यादव का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। यह सुनते ही परिजन घबड़ा गए और भागे-भागे अस्पताल पहुंचे जहां शशि यादव बेहोश पड़े थे। 

परिजनों के पूछने पर पुलिसकर्मियों ने बताया कि शशि शराब के नशे में थे और पुलिस से बेवजह उलझ गए जिस वजह से पुलिस ने पकड़ लिया। थाना लाने के क्रम में शशि गाड़ी से कूद गया जिस वजह से उसे घायलावस्था में सदर अस्पताल लाना पड़ा। 

पटना में हुई मौत 
शशि यादव की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें पटना रेफर कर दिया जहां इलाज के दौरान 29 जनवरी को उनकी मौत हो गयी। 

परिजनों ने पुलिस पर लगाया हत्या का आरोप 
इस मामले को लेकर परिजनों ने सदर थाना, सहरसा एसपी और डीआईजी को आवेदन देकर जांच की मांग की है। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने जानबूझ कर पकड़ लिया और शिक्षक शशि यादव की पीट पीट कर हत्या कर दी है। बीते 8 फरवरी को स्वर्गीय शशि यादव के समर्थन में राजद के नेता और कार्यकर्ताओं ने सहरसा में केंडिल मार्च भी निकाला था।