सीता सोरेन के पूर्व PA का बड़ा आरोप
रांची। पिछले वर्ष संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में जामताड़ा से भाजपा की प्रत्याशी सीता सोरेन को 25 लाख रुपये बतौर इलेक्शन फंड भाजपा से मिले थे। उन्होंने इसका उपयोग चुनाव के दौरान नहीं किया। इस पैसे से उन्होंने एक लग्जरी गाड़ी खरीदी।
यह दावा उनके पूर्व निजी सहायक रहे देवाशीष मनोरंजन घोष ने किया है। देवाशीष के विरुद्ध सीता सोरेन ने बीते छह मार्च को धनबाद में हमले का आरोप लगाया था। देवाशीष के मुताबिक चुनाव में कई कारणों से उनकी हार हुई, लेकिन वह गलत तरीके से आरोप लगाकर उसे और परिजनों को लगातार परेशान कर रही हैं।
बीते एक जून को सीता सोरेन ने दुमका में भी उनके विरुद्ध एक नया केस दायर किया है। इसके बाद देवाशीष सारे दस्तावेज के साथ सामने आकर सीता सोरेन से दो-दो हाथ करने के मूड में हैं। देवाशीष के मुताबिक बैंक से लेनदेन का सारा दस्तावेज उनके पास है।
सीता सोरेन के पास उनके ही लगभग आठ लाख रुपये उधार हैं, जिसमें दो लाख से अधिक का उधार गाड़ी के मद में है। इसके अलावा सीता सोरेन ने उनके वेतन-भत्ता मद का छह लाख रुपये से ज्यादा नहीं दिया है। देवाशीष से इस संदर्भ में राज्य के गृह सचिव से भी गुहार लगाई है।
उधर देवाशीष के आरोपों के आरोपों के संदर्भ में सीता सोरेन से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई तो कोई जवाब नहीं मिल पाया।
मेरे पास सारे दस्तावेज और साक्ष्य
देवाशीष ने कहा कि उनके पास सीता सोरेन द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का जवाब देने के लिए सारे दस्तावेज और साक्ष्य उपलब्ध हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रदेश कार्यालय द्वारा 25 व्यक्तियों की चुनाव समिति के कार्य को देखने की जिम्मेदारी उनकी थी। उसे पूरी निष्ठा से निभाया, लेकिन चुनाव हारने के बाद मनगढ़ंत आरोप लगाए जा रहे हैं।
धनबाद में 15 लोगों ने उनके साथ मारपीट की और गाड़ी, जमीन का दस्तावेज, पिन कोड के साथ एटीम कार्ड ले लिया गया। उससे विवेक सिंह की बहन खुशबू कुमारी के खाते में तीन लाख से अधिक ट्रांसफर हुए। इस केस में साक्ष्य रहने के कारण अदालत से जमानत मिली।
दुमका में किए गए केस में सीता सोरेन ने मेरे हस्ताक्षर से चेक के जरिए निकासी का आरोप लगाया है। उसकी फोरेंसिक जांच हो जाए तो पता चल जाएगा कि फर्जी हस्ताक्षर किया गया है। चुनाव में फंड से आभूषण खरीदने के आरोप लगाए गए हैं, जिसे विभिन्न तिथियों में दुकानों से लिया गया है। इसका पूरा बिल उनके पास है।
सीता सोरेन को उन्होंने गाड़ी लेने व निबंधन के लिए 1408021 रुपये दिए। इसमें से उन्होंने 232516 रुपये अबतक नहीं दिए हैं। बीते 24 जनवरी और 29 जनवरी को उन्होंने सीता सोरेन को चुनावी खर्च का सारा हिसाब-किताब सौंप दिया था। चुनाव आयोग को भी यह प्रेषित किया जा चुका है।
नए केस में सीता सोरेन ने देवाशीष पर लगाए ये आरोप
सीता सोरेन ने अपने पूर्व निजी सहायक देवाशीष मनोरंजन घोष के खिलाफ दुमका के नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। सीता सोरेन ने आरोप लगाया है कि देवाशीष ने उनकी चेक बुक पर जाली हस्ताक्षर कर लाखों रुपये की निकासी की और पार्टी फंड में हेराफेरी की। देवाशीष उनके निजी सहायक के रूप में कार्यरत थे और चुनावी खर्चों का हिसाब-किताब संभाल रहे थे।
सीता का दावा है कि जब उन्होंने मार्च 2025 में हिसाब मांगा तो देवाशीष ने टालमटोल की। उनकी निजी जांच में पता चला कि पार्टी द्वारा दी गई राशि में लाखों रुपये का कोई लेखा-जोखा नहीं था। चेक बुक की जांच में जाली हस्ताक्षर के जरिए राशि निकासी का खुलासा हुआ। इसके अलावा देवाशीष के बैंक खाते में असामान्य लेनदेन, एक नई गाड़ी और सोने के जेवरों की खरीदारी भी सामने आई।