कनाडा पुलिस ने शुक्रवार को खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में उस कथित समूह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया जिसके बारे में उसका मानना है कि उन्हें निज्जर की हत्या करने का काम पिछले साल भारत सरकार ने सौंपा था। मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई। 

भारत ने ट्रूडो के आरोपों को 'बेतुका' और ‘‘प्रेरित'' बताते हुए कर दिया था खारिज
पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों पर निज्जर की हत्या में ‘‘संभावित रूप से'' शामिल होने का आरोप लगाया था जिसके बाद भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव आ गया था। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को 'बेतुका' और ‘‘प्रेरित'' बताते हुए खारिज कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक, तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और उन पर आरोप है कि जिस दिन निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया के सरे स्थित गुरुद्वारे के बाहर हत्या की गई थी उस दौरान इन लोगों ने शूटर, वाहन चालक आदि का काम किया था। 

करणप्रीत सिंह, कमलप्रीत सिंह और करण बराड़ पर निज्जर की हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप
सीटीवी न्यूज ने एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र के हवाले से बताया कि तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उन पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया गया है। अदालत के दस्तावेजों से पता चला कि करणप्रीत सिंह, कमलप्रीत सिंह और करण बराड़ पर निज्जर की हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। खबर में बताया गया कि पुलिस ने इन लोगों को शुक्रवार को कनाडा के कम से कम दो प्रांतों में चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान गिरफ्तार किया। सूत्रों ने बताया कि कुछ महीने पहले पुलिस ने इन लोगों की पहचान निज्जर की हत्या में शामिल व्यक्तियों के समूह के तौर पर की थी और पुलिस उन पर नजर रख रही थी। 

PM ट्रूडो की टिप्पणियों पर भारत ने दिया था जवाब
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा अपने देश में खालिस्तानी तत्वों से संबंधित कुछ टिप्पणियां करने के कुछ दिनों बाद, भारत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि ये टिप्पणियां एक बार फिर कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को मिले राजनीतिक स्थान को दर्शाती हैं। ट्रूडो ने रविवार को टोरंटो में खालसा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया था जिसमें कुछ खालिस्तान समर्थक लोगों ने हिस्सा लिया था। ट्रूडो ने खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों का जिक्र करते हुए कथित तौर पर कार्यक्रम से इतर मीडिया से कहा कि ‘‘हमारा काम राजनीतिक विरोध को कुचलना नहीं है।'' 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पहले भी इस तरह की टिप्पणी की है। उनकी टिप्पणी एक बार फिर कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को दिेये गये राजनीतिक स्थान को दर्शाती है।'' ट्रूडो की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर जायसवाल ने कहा था, ‘‘यह न केवल भारत-कनाडा संबंधों को प्रभावित करता है, बल्कि कनाडा में उसके नागरिकों को क्षति पहुंचाने वाली हिंसा के माहौल को भी बढ़ावा देता है।'' 

पिछले साल हुई थी निज्जर की हत्या
पिछले साल जून में कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर निज्जर की हत्या कर दी गई थी। निज्जर खालिस्तानी आतंकी था। खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ था। वह बीते कई सालों से कनाडा में रह रहा था और वहां से भारत के खिलाफ खालिस्तानी आतंकवाद को हवा दे रहा था। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, निज्जर भारतीय जांच एजेंसियों के लिए पिछले एक साल में इसलिए और भी ज्यादा बड़ा सिरदर्द बन गया था क्योंकि उसने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों को विदेशों में लॉजिस्टिक और पैसा मुहैया करवाना शुरू कर दिया था।

ट्रूडो जब 2018 में भारत दौरे पर आए थे। उस समय उन्हें पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने खालिस्तानी आतंकियों की एक सूची सौंपी थी, जिसमें निज्जर का भी नाम शामिल था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2020 में निज्जर को आतंकी घोषित कर दिया था। 2010 में पटियाला के एक मंदिर के बाहर हुए बम विस्फोट में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। उस पर हिंसा भड़काने, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने सहित कई मामलों में पुलिस को तलाश थी। भारत ने हरदीप सिंह निज्जर को डेजिग्नेटिड टेरेरिस्ट यानी आतंकवादी घोषित किया था। NIA ने उस पर 10 लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था।