खबरदार पाकिस्तान! अभी जारी है आपरेशन सिंदूर : कृष्णमोहन झा

कृष्णमोहन झा लेखक राजनैतिक विश्लेषक
पहलगाम के कायरतापूर्ण आतंकी हमले का जवाब भारत ने ' आपरेशन सिंदूर ' से दे दिया है । भारतीय सेना ने अपनी इस इस जांबाज कार्रवाई में पाकिस्तान में फल-फूल रहे उन 9 आतंकवादी संगठनों के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया जिन्हें पाकिस्तान सरकार और वहां की सेना वर्षों से न केवल संरक्षण प्रदान कर रही थी बल्कि खाद पानी भी उपलब्ध करा रही थी। इस कार्रवाई के पूर्व संकेत तो पहलगाम हमले के शीघ्र बाद ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस बयान से मिल गये थे जिसमें उन्होंने कहा था कि आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। उसके कुछ ही दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि हम आतंकवादियों को चुन चुन कर मारेंगे और आपरेशन सिंदूर के दो दिन पहले ही जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह कहा कि देश जो चाहता है वही होगा तभी से यह तय माना जा रहा था कि पाकिस्तान के अंदर फ़ल फ़ूल रहे आतंकवादी संगठनों के ठिकानों को नेस्तनाबूद करने की दिशा में कोई बड़ी सैन्य कार्रवाई की रूपरेखा तैयार हो चुकी है। इसमें दो राय नहीं हो सकती कि पहलगाम के आतंकी हमले के बाद सारा देश ऐसी सैन्य कार्रवाई का बेसब्री से इंतजार कर रहा था जो पुलवामा और उरी में हुए आतंकी हमलों के बाद की गई सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से बड़ी शक्तिशाली हो।सारा देश यह चाहता था कि इस बार की स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को पनाह देने से हमेशा के लिए तौबा कर ले। आपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान कि' सारा देश हमारी ओर देख रहा था यह तो होना ही था ' से साफ जाहिर है कि सरकार की ओर से पूरी छूट मिलने के बाद भारतीय सेना पाकिस्तान की सीमा के अंदर अपनी गतिविधियां संचालित करने वाले आतंकवादी संगठनों के ठिकानों पर बड़ी स्ट्राइक करने की रूपरेखा तैयार करने में जुटी हुई थी। भारत की इस कार्रवाई की का एक मात्र उद्देश्य आतंकी अड्डों को निशाना बनाना था। यह कार्रवाई इतनी समयबद्ध और सटीक थी कि भारतीय सेना ने चंद मिनटों के अंदर ही पाकिस्तान स्थित 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने का लक्ष्य अर्जित कर लिया। भारत की इस कार्रवाई में 100 से आतंकवादियों के मारे जाने की खबर है जिनमें कुख्यात आतंकी मसूद अजहर के निकटतम संबंधी भी शामिल हैं। मसूद अजहर तो इतना हताश हो चुका है कि उसे अब खुद के जिंदा बच जाने का भी अफसोस हो रहा है।
यह निःसंदेह भारत की कूटनीतिक विजय है कि पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारत की सशक्त कार्रवाई को दुनिया के अनेक छोटे बड़े देशों ने जायज ठहराया है। पाकिस्तान के पक्ष में केवल चीन और तुर्किए ने खुलकर बयान दिए हैं। आश्चर्य तो इस बात का है कि भारत की इस कार्रवाई को ग़लत ठहराने वाला पाकिस्तान अभी भी यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि उसके यहां प्रशिक्षित आतंकवादियों ने पहलगाम में जो कायराना हरकत की उसी का भयानक अंजाम भुगतने के लिए भारत ने उसे मजबूर कर दिया है लेकिन अभी भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। आपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकवादियों को पाकिस्तान में जिस तरह तरह सम्मानपूर्वक विदाई दी गई उससे साफ जाहिर है कि पाकिस्तान में उन्हें सेना और सरकार से किस तरह शह मिली हुई थी। यह भी अचरज की बात है कि आतंकी ठिकानों पर भारत की इतनी सख्त कार्रवाई के बाद भी पाकिस्तान इससे कोई सबक सीखने के लिए तैयार नहीं है और अब पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारत- पाक नियंत्रण रेखा के पार से पिछले कई दिनों से गोलीबारी की जा रही है उसमें कई निर्दोष भारतीय नागरिकों की मौत हो गई है जबकि भारतीय सेना ने आपरेशन सिंदूर के दौरान इस बात की पूरी सावधानी बरती कि आतंकी ठिकानों पर निशाना साधते वक्त किसी निर्दोष पाकिस्तानी की जान न जाए। जाहिर सी बात है कि पाकिस्तान अब भारत को उकसाने की अपनी पुरानी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है जिससे उसकी हताशा का ही पता चलता है। दरअसल इस समय वह खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे की कहावत को सही साबित कर रहा है। पाकिस्तान की इन हरकतों पर भारत पैनी नजर रखे हुए है इसलिए केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई दूसरी सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री ने कहा कि आपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। रक्षा मंत्री के इस बयान से यह संदेश मिलता है कि अगले कुछ बहुत महत्वपूर्ण साबित होने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी तीन देशों की प्रस्तावित यात्रा का कार्यक्रम स्थगित कर यही संदेश दिया है।