पीजीआइ के हेप्टोलाजी विभाग के रेजिडेंट डाक्टर ने बीते मंगलवार को अपने विभाग के एक वरिष्ठ डाक्टर द्वारा प्रताड़ित किए जाने पर आत्महत्या का प्रयास किया था। हेप्टोलाजी विभाग के रेजिडेंट डाक्टर सिद्धार्थ शर्मा द्वारा आत्महत्या का प्रयास करने से पहले एक नोट लिखा गया था, जिसमे उन्होंने बताया किस प्रकार से उनके विभाग के एक वरिष्ठ डाक्टर उन्हें ड्यूटी के दौरान राउंड पर और अन्य रेजिडेंट डाक्टरों के सामने उनके काम में खामियां निकालते थे और सबके सामने उन्हें फटकार भी लगाते थे। इस मामले में अब पीजीआइ निदेशक ने जांच कमेटी गठित की है। इस जांच कमेटी में हेप्टोलाजी विभाग के प्रमुख सहित पांच लोगों को शामिल किया गया है। जांच कमेटी को अगले हफ्ते तक इस मामले में सभी पहलुओं और आत्महत्या का प्रयास करने वाले डाक्टर के साथ अन्य डाक्टरों से भी इस मामले में पूछताछ हो सकती है।

आरोपित वरिष्ठ डाक्टर को बर्खास्त किए जाने की मांग

एसोसिएशन आफ रेजिडेंट डाक्टर्स ने इस संदर्भ में आरोपित वरिष्ठ डाक्टर को नौकरी से बर्खास्त किए जाने की मांग की है। रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन के प्रधान डा. नवीन ने पीजीआइ प्रशासन से मांग की है कि इस प्रकार वरिष्ठ डाक्टरों द्वारा जूनियर या रेजिडेंट डाक्टर से आगे से ऐसा व्यवहार न हो, इसको ध्यान में रखते हुए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

कालेजियम गठित किए जाने की मांग

एआरडी ने ऐसी घटना दोबारा न हो और अगर किसी स्टाफ, फैकल्टी और जूनियर रेजिडेंट से ऐसा होता है तो उसकी शिकायत करने के लिए एक कालेजियम बनाने की मांग की है, इस कालेजियम में सभी स्तर के अधिकारियों का पैनल बनाना चाहिए, ताकि अगर ऐसी कोई शिकायत आती है तो उस पर तत्काल जांच कर कार्रवाई की जाए।