23 मई, मंगलवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी रहेगी, जिससे अंगारक चतुर्थी का संयोग बनेगा। जिन की कुंडली में मंगल दोष है, उनके लिए ये दिन बहुत ही खास है।

इस दिन कुछ खास उपाय करने से मंगल दोष की शांति होती है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस मंगलवार को चतुर्थी तिथि का संयोग बनता है, उसे अंगारक चतुर्थी कहते हैं। (Angarak Chaturthi 2023 Upay) इस बार 23 मई, मंगलवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का संयोग बन रहा है, जिसके चलते ये अंगारक चतुर्थी कहलाएगी। जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष है, वे यदि अंगारक चतुर्थी पर कुछ उपाय करें तो उनकी परेशानियां कम हो सकती हैं। आगे जानिए इन उपायों के बारे में.

 
मंगल दोष की शांति के लिए अंगारक चतुर्थी पर मंगलदेव के मंदिर में जाकर विशेष पूजा करें। अगर आस-पास मंगलदेव का कोई मंदिर नहीं है तो किसी योग्य ब्राह्मण को घर बुलाकर मंगल दोष की शांति के लिए पूजा करवाएं। इस उपाय से आपकी परेशानियां कम हो सकती हैं।

 
मंगल से संबंधित शुभ फल पाने के लिए मंत्र जाप भी एक आसान उपाय है। अंगारक चतुर्थी पर लाल चंदन की माला से नीचे लिखे मंत्रों का जाप विधि-विधान से करें। अगर स्वयं ये उपाय न कर पाएं तो किसी योग्य ब्राह्मण से भी करवा सकते हैं। ये मंगल के मंत्र-
ऊं धरणीगर्भसंभूतं विद्युतकान्तिसमप्रभम।
कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम।

 
मंगल की शांति के लिए भात पूजन सबसे अचूक उपाय है। ये पूजा पूरे भारत में सिर्फ उज्जैन स्थित मंगलनाथ मंदिर में होती है। मान्यता के अनुसार, इसी स्थान से मंगल ग्रह की उत्पत्ति हुई थी। इस पूजा में चावल का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है, इसलिए इसे भात पूजा कहते हैं।

 
अंगारक चतुर्थी पर हनुमानजी की पूजा करने भी फायदा होता है। इस दिन हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढ़ाएं और विशेष पूजा-पाठ करें। संभव हो तो हनुमान चालीसा या हनुमानजी के मंत्रों का जाप करें। हनुमानजी की पूजा से भी मंगलदेव प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।

 
मंगल दोष से छुटकारा पाने के लिए अंगारक चतुर्थी पर मंगल से संबंधित चीजों का दान करना बहुत शुभ रहता है। इससे मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत होती है और इसका दो भी शांत होता है। ये हैं मंगल से संबंधित चीजें- मसूर की दाल, गेहूं, गुड़, माचिस, ताम्बा, सोना, दूध देने वाली गाय, लाल चंदन, मिठाई या भूमि।