झारखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो चुका है और 27 फरवरी को वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव द्वारा इस सरकार का अंतिम बजट पेश किया जाएगा. हालांकि, चंपई सोरेन सरकार का यह पहला बजट होगा. वहीं सभी राजनीतिक दल इस बजट से अपनी-अपनी उम्मीदें लगा बैठी है. वित्तीय वर्ष 2023–24 के लिए 1,16,418 करोड़ का बजेट पेश किया गया था. सरकार की तरफ से कहा गया है कि इस बार का बजट आम लोगों की हित में होगा. वहीं भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा देखने को मिल सकता है. बीजेपी की ओर से इसके संकेत मिलने लगे हैं. बीजेपी ने बजट सत्र इतने कम दिनों का रखे जाने को लेकर सरकार पर हमला किया है.

बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह बजट सत्र केवल 7 दिन का है. 7 दिनों में से एक दिन शोक प्रस्ताव में चल गया बाकी 6 दिन कितना काम होगा? उन्होंने कहा कि सरकार ने पता नहीं क्यों बजट सत्र को इतना छोटा रखा है. सीपी सिंह ने कहा कि पहले कम से कम 22 दिन का बजट सत्र होता था. उन्होंने कहा कि सरकार को आम लोगों से कोई मतलब नहीं है. उनका बस अपना बिजनेस चलते रहना चाहिए. वहीं सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज पांडे ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी हमारे बजट की सरहाना नहीं करेगी और उनसे हमें सर्टिफिकेट भी नहीं चाहिए. 

जेएमएम प्रवक्ता ने कहा कि यह आम जनता का बजट है, बीजेपी वालों का बजट नहीं है. मनोज पांडे ने कहा कि बीजेपी वाले हम पर हेमंत सोरेन पार्ट-2 का आरोप लगाते हैं. हम सीना ठोंक कर कहते हैं कि हां हम हेमंत सोरेन पार्ट-2 हैं. हेमंत सोरेन का जो काम बचा रह गया है, जो काम पूरे नहीं हो पाएं और जो सेवाएं हम नहीं दे पाए थे. हम अब उनको पूरा करने का काम करेंगे. वहीं जहां तक बजट छोटा होने की बात है तो आंकड़ों से पता चलता है कि बीजेपी शासनकाल में इससे भी छोटा बजट सत्र हुआ है.

दूसरी तरफ कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि सरकार का बजट किसानों, युवाओं और महिलाओ के हित के लिए होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार के कारण महिलाओं की किचन का जो बजट गड़बड़ा गया है हम उसको संतुलित करने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि यह बजट राज्य के अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम करेगा. बजट पूरी तरह से संतुलित रहेगा.