करांची । चुनाव प‎रिणाम आने के बाद अब पाकिस्तान में सरकार गठन के प्रयास तेज हो गए हैं। एक तरफ नवाज शरीफ की पार्टी उन्हें पीएम बनाने के लिए प्रसासरत है तो दूसरी तरफ जेल में बंद इमरान खान की पार्टी भी सरकार बनाने का दावा कर रही है। जब‎कि पीपीपी नेता इस समय चुप्पी साधे हुए हैं। उनकी यही चुप्पी नवाज शरीफ के ‎लिए मु‎श्किल पैदा कर रही है। जानकारी के अनुसार पाकिस्तान में नई सरकार के गठन को लेकर पूरी तरह अनिश्चिता बनी हुई है। किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है। इमरान की पार्टी ने दावा किया कि नेशनल असेंबली में हमने 170 सीटें जीती है इसलिए राष्ट्रपति पीटीआई को सरकार बनाने का न्यौता देंगे। वहीं दूसरी तरफ नवाज शरीफ भी सरकार बनाने का दम भर रहे है। इस बीच तीन निर्वाचित निर्दलीय सांसदो ने नवाज शरीफ की पार्टी को समर्थन देने की घोषणा की है। पीपीपी के बिलावल भुट्टो ने कहा है कि पीएमएलएन से सरकार को लेकर कोई बात नहीं हो रही है।
इस दौरान जरदारी और शहबाज शरीफ के एक साथ बैठक करने की बात भी कही जा रही है। पीएमएलएन की नेता मरियम औरंगजेब ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, शहबाज़ शरीफ़ और आसिफ़ ज़रदारी के बीच एक अहम बैठक हुई है। हालांकि इस बैठक में कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ लेकिन आगे बात करने पर सहमति बनी। आसिफ़ ज़रदारी निश्चित रूप से अपनी पार्टी से परामर्श करेंगे। इधर पीक्यूएम-पी ने शरीफ को समर्थन देने का संकेत ‎दिया है। यही वजह है ‎कि चुनाव के बाद की रणनीति पर चर्चा करने के लिए पीएमएल-एन के निमंत्रण पर एमक्यूएम-पी प्रतिनिधिमंडल लाहौर पहुंचा है। 
बता दें ‎कि चुनाव में पीएमक्यू के 17 सदस्य चुनाव जीते हैं, जिसके बाद उसकी भूमिका भी अहम हो गई है। पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ ने पीडीएम गठबंधन की तर्ज पर एक राष्ट्रीय एकता सरकार के गठन का संकेत दिया था। इसके लिए उन्होंने अपने भाई व पूर्व पीएम शहबाज शरीफ सरकार को गठन के लिए अन्य दलों से बातचीत करने की ‎जिम्मेदारी भी सौंपी थी। इधर पीपीपी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं जब‎कि पीटीआई और पीएमएल के नेता सरकार बनाने को लेकर तमाम तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। वहीं इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने भी सरकार बनाने का दावा पेश करने की तैयारी शुरू कर दी है। अब देखना यह है ‎कि पा‎किस्तान में ‎किसकी सरकार बनती है।