जयपुर । चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। इसी कड़ी में आयोग ने प्रदेश के 50 जिले नहीं पुराने 33 जिलों को आधार मानकर लोकसभा चुनाव कराने का निर्णय लिया है। इसी को आधार मान चुनाव आयोग ने सभी कलेक्टरों व अन्य अफसरों की ट्रेनिंग तीन चरणों में भी सुनिश्चित की है। माना जा रहा है कि ट्रेनिंग प्राप्त अधिकांश कलेक्टर व अन्य अफसर ही लोकसभा चुनाव में भूमिका निभाएंगे। इनमें से अधिकांश के तबादलों की संभावनाएं कम रहेगी। ऐसे में अचार संहिता से पहले तबादलों का पावर राज्य सरकार के पास रहेगा।
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता फरवरी के अंतिम सप्ताह या मार्च के प्रथम सप्ताह के बीच लगने के आसार है। ये आचार संहिता सवा दो महीने से अधिक चल सकती है, क्योंकि कई चरणों में चुनाव होंगे। बताया जा रहा है कि 8 फरवरी तक लोकसभा चुनाव की मतदाता सूचियां जारी होने का काम होगा। विधानसभा चुनाव में 33 जिलों को चुनाव कराने का आधार माना था, हालांकि उस समय निर्वाचन आयोग का तर्क था कि जिलों की घोषणा बाद में हुई है और चुनाव प्रोसेस पहले से चल रहा था। इस बार तर्क है कि प्रशासनिक जिलों को आधार नहीं माना है और 33 जिलों को ही आधार माना है।