कराची । अपने इतिहास का सबसे बड़ा आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान में एक ओर जहां महंगाई की मार से जनता त्रस्त है, वहीं दूसरी ओर हवाई यात्रा के लिए भी लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। दरअसल, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीएआई) बंद होने की कगार पर पहुंच चुकी है। इसका बड़ा कारण है एयरलाइन पर मौजूद पाकिस्तान स्टेट फ्यूल (पीएसओ) का बकाया। इसका भुगतान न कर पाने के चलते फ्यूल सप्लाई ठप होने से उड़ानें संचालित नहीं हो पा रही है। बीते 14 अक्टूबर के बाद से करीब 300 से ज्यादा उड़ानें रद्द की जा चुकी हैं। 
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीएआई) ने 14 अक्टूबर 2023 के बाद महज 10 दिन में ही अपनी 300 से ज्यादा उड़ानों को कैंसिल किया है। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में फ्यूल शॉर्टेज के चलते ये उड़ानें कैंसिल करनी पड़ी है। रिपोर्ट में ये आशंका भी जाहिर की गई है कि इसतरह के हालात रहे तब फिर पीएआई बंद हो सकती है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान स्टेट ऑयल का बकाया भुगतान न कर पाने के चलते जो 322 फ्लाइट्स रद्द की गई हैं, उनमें से 134 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें थीं। फ्लाइट्स रद्द होने का ये आंकड़ा 14 अक्टूबर के बाद का है। 
एक ओर पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था का बुरा हाल और दूसरी ओर बड़े पैमाने पर उड़ानें कैंसल होने से हवाई यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के एक प्रवक्ता के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि इस संकट के समय में एयरलाइन मैनेजमेंट यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानों के जरिए यात्रा कराने की कोशिश में लगा हुआ है। 
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की इस बुरी हालत के लिए भारी-भरकम कर्ज बड़ा कारण है। सितंबर महीने में आई एक रिपोर्ट की मानें तब पीएआई पर कुल देनदारियां बढ़कर 743 अरब पाकिस्तानी रुपये या 2.5 अरब डॉलर हो गई हैं। कर्ज का ये आंकड़ा एयरलाइन की कुल संपत्ति से भी पांच गुना ज्यादा है। एक ओर पाकिस्तान की इकोनॉमी अंतरराष्ट्री मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मिलने वाले बेलआउट पैकेज के भरोसे उबरने की कोशिश में है, वहीं पीआईए के कर्ज से महंगे हवाई टिकट खरीदने के बावजूद यात्री अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। 
हालांकि, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की माली हालत काफी लंबे समय से खराब चल रही है। बीते साल से जारी पाकिस्तान में आर्थिक संकट में ये और भी खराब हो गई है। कर्ज के जाल में फंसी एयरलाइन के निजीकरण की तैयारी भी की गई, लेकिन ये अंजाम तक नहीं पहुंची। पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने पहले ही संबंधित अधिकारियों को पीएआई के निजीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया था, क्योंकि एयरलाइन वित्तीय संकट का सामना कर रही है।