राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ का सरकार से बीती रात समझौता हो गया। आज से सभी मंत्रालयिक कर्मचारी 64 दिन के कार्य बहिष्कार के बाद काम पर लौट आएंगे। सरकार, कर्मचारी और आम जनता सभी ने राहत की सांस ली है।

यह समझौता राजस्थान राज्य मंत्रालय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी और सरकार के कार्मिक सचिव हेमंत गेरा के बीच में संपन्न हुआ। चौधरी की ज्यादातर मांगें सरकार ने मान लीं। मुख्य सचिव और कार्मिक सचिव की मौजूदगी में दो बार हुई बैठक के बाद समझौता हुआ। पहली वार्ता रात नौ बजे तक चली, जो सफल नहीं हुई। फिर रात 9.30 बजे बाद दूसरे दौर की वार्ता में कर्मचारियों की ग्रेड-पे और एजुकेशन को लेकर कमेटी बनाने पर समाधान निकला।

पांच लाख फाइलें अटकीं, महीनेभर में निपटेगी पेंडेंसी

हड़ताल के कारण प्रदेश में 30 से ज्यादा विभागों में फाइलों की पेंडेंसी बढ़ गई है। जिसे निपटाने और खत्म करने में करीब महीना भर का समय लगेगा। करीब पांच लाख से ज़्यादा फाइलें पेंडेंसी के कारण अटकी हुई हैं।

समझौते के मुख्य बिंदुओं में ये शामिल रहे

  . ग्रेड पे और शैक्षणिक योग्यता को कमेटी द्वारा परीक्षण कराया जाकर निस्तारण किया जाएगा।
  . पंचायती राज के पदोन्नति पदों को बढ़ाया जाएगा।
  . राजस्व के पदों बढ़ाया जाएगा।
  . शिक्षा विभाग के पदों में वृद्धि की जाएगी।
  . पदोन्नति पदों में एक बार शिथिलता प्रदान की जाएगी।
  . इनके परीक्षण के बाद आदेश जारी किए जाएंगे।
  . राजस्व सेवा में तहसीलदार पद पर कोटा यथावत रखा जाएगा।
  . महापड़ाव और सामूहिक अवकाश की छुट्टियों का अलग से आदेश जारी किया जाएगा।