इंदौर ।   संयुक्त किसान मोर्चे ने मध्य प्रदेश के किसानों की समस्याओं से अवगत कराने के लिए राष्ट्रीय लोकदल के सांसद जयंत चौधरी से आज सुबह मुलाकात की जबकि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कल मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व किसान मोर्चे के नेता रामस्वरूप मंत्री एवं बबलू जाधव ने किया।
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जयंत चौधरी एवम् अखिलेश यादव को दिए गए ज्ञापन में विस्तार से इंदौर के किसानों की समस्याओं से अवगत कराते हुए उनसे मांग की गई की वे किसानों के साथ हो रही लूट को रोकने के लिए तथा किसानों के बकाया भुगतान करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान से चर्चा करें ।दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार द्वारा किसानों के साथ वादाखिलाफी और धोखाधड़ी की जा रही है।

मध्य प्रदेश सरकार ने 2019 में प्याज पर ₹6 किलो भावांतर भुगतान किए जाने का वादा किया था इसी के साथ गेंहू पर बोनस देने और सोयाबीन पर ₹500 क्विंटल भावांतर का भुगतान करने की भी घोषणा की थी । सरकार के इस भुलावे में आकर हजारों किसानों ने अपनी उपज लागत से भी कम दाम पर बेची। उसे उम्मीद थी कि सरकार अपने वादे के मुताबिक भावांतर राशि का भुगतान करेगी । लेकिन 3 साल से ज्यादा समय होने के बावजूद ना तो प्याज की भावांतर राशि का भुगतान किया गया है और ना ही सोयाबीन का, गेहूं की बोनस राशि के भुगतान की भी कोई व्यवस्था नहीं है । मध्य प्रदेश में किसानों को ना तो फसल नुकसान मिल रहा है और ना ही फसल का दाम इंदौर सहित कई मंडियों में व्यापारियों के फरार होने की खबरें आए दिन आती है ऐसे कई मामले हैं जिसमें किसानों का करोड़ों रुपया लेकर व्यापारी फरार हो गए हैं और उनका भुगतान कई सालों से नहीं हुआ है । इंदौर में ही 186 किसानों का 2019 में गेहूं खरीद कर करीब पौने तीन करोड़ रुपये की राशि एक ही परिवार की पांच फर्मे लेकर फरार है मंडी समिति को किसानों ने व्यापारी की संपत्ति भी बताई और जप्त करवाई ,लेकिन 3 साल से अभी तक उनका भुगतान नहीं हुआ है। संयुक्त किसान मोर्चा इंदौर इन 186 किसानों की पौने तीन करोड़ की राशि का तत्काल मंडी निधि से भुगतान किया जाए।

मंडियों में बिक्री के लिए लाए जा रहे किसानों की उपज को सही और लाभकारी मूल्य दिलाया जाए। तमाम उपज एमएसपी और लागत से भी नीचे बिक रही है और किसान व्यापारियों की लूट का शिकार हो रहा है । संयुक्त किसान मोर्चा पूरे मालवा निमाड़ अंचल में नीलगाय के झुडों द्वारा फसल बर्बादी की घटनाओं पर रोष जाहिर करता है तथा इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार की लापरवाह नीति को जिम्मेदार मानते हुए मांग करता है कि नील गायों के स्वच्छंद विचरण पर सरकार का वन विभाग और अन्य अमला सख्ती से रोक लगाए, ताकि किसानों की जान-माल और फसल की रक्षा हो सके।

इंदौर की कृषि उपज मंडी में फूल उत्पादक किसानों के साथ सालों से की जा रही लूट की ओर आपका ध्यान दिखाना चाहता है उत्पादक किसान जब अपनी फसल बेचने फूल मंडी में आता है तो उसकी पूरी फसल ना खरीदते हुए व्यापारी अपनी दुकान के आगे ढेरी लगाकर फूल बेचता है तथा जितने फूल बिकते हैं उसका 10% कमीशन काटकर किसान को भुगतान कर देता है बाकी माल कचरे में फेंकना पड़ता हैं याने किसान मोल और तोल दोनों में लूटा जा रहा है ।

प्रतिनिधिमंडल ने दोनों नेताओं को इंदौर के किसानों के बकाया भुगतान, मंडी में भाव नहीं मिलने तथा एम एस पी की गारंटी के लिए परेशान हो रहे किसानों की समस्याओं से अवगत कराया तथा उन्हें ज्ञापन देकर किसानों की समस्याओं के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से चर्चा करने का आग्रह किया। इस पर दोनों नेताओं ने विश्वास दिलाया है कि वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से किसानों की समस्याओं के संबंध में चर्चा करेंगे तथा उन्हें पत्र भी लिखेंगे। साथ ही जयंत चौधरी ने कहा कि मध्य प्रदेश के किसान बहुत परेशान है और इन सारी परेशानियों को लेकर वह संसद में भी मुद्दा उठाएंगे। प्रतिनिधिमंडल में रामस्वरुप मंत्री, बबलू जाधव ,शैलेंद्र पटेल, लाखन सिंह डाबी, लाखन सिंह यादव सहित कई किसान शामिल थे ।