भोपाल। दीपावली का त्योहार खत्म होने के बाद ही भाजपा-कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत अब आखिरी दौर के प्रचार में झोंक दी है। भाजपा में केंद्र और राज्य के मिलाकर 31 नेता प्रचार अभियान में लगे हुए हैं। हर नेता एक दिन में पांच सभाएं और रोड शो कर रहा है। ऐसे में कुल मिलाकर रोज 125 से 150 तक रोड शो और सभाएं पूरे राज्य में आयोजित हो रही हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी समेत पूर्व सीएम कमलनाथ के आखिरी दौर में 33 से ज्यादा सभाएं और रोड शो तक आयोजित किए गए हैं। सबसे ज्यादा सभाएं कमलनाथ की हो रही हैं।
भाजपा की बात करें, तो प्रदेश में किस विधानसभा सीट पर किस स्टार प्रचारक को प्रचार के लिए भेजना है, इसका निर्णय कार्यकर्ताओं और प्रत्याशियों के फीडबैक के बाद लिया जा रहा है। इस फीडबैक के लिए पार्टी एक निजी एजेंसी की मदद ले रही है। एजेंसी अपने कॉल सेंटर के जरिए संबंधित सीट पर कार्यकर्ताओं से सवाल पूछ रही है और उसकी रिपोर्ट वरिष्ठ नेताओं को दी जाती है। कॉल सेंटर से हर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से फोन पर पूछा जाता है कि आपके यहां प्रचार की क्या स्थिति है। किस स्टार प्रचारक को भेजने से माहौल बनेगा, ऐसे प्रश्न कार्यकर्ताओं से पूछे जा रहे हैं। भाजपा की तरफ से अभी भी सबसे ज्यादा मांग प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की है। चौहान प्रदेश की हर विधानसभा सीट तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव में शिवराज के अलावा भाजपा में सबसे ज्यादा मांग यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की है। हर प्रत्याशी अपने क्षेत्र में योगी आदित्यनाथ की सभा करवाने के लिए इच्छुक है।
कांग्रेस के प्रचार का जिम्मा केवल चार नेताओं के पास
कांग्रेस ने आखिरी दिनों में अपने सभी बड़े नेताओं को मैदान में उतार दिया है। केंद्रीय स्तर के नेताओं की 33 सभाएं होंगी। कमलनाथ पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा सभा करते हुए नजर आएंगे। प्रत्याशियों को अपने स्तर पर स्टार प्रचारकों की सभाएं तय करने के लिए कह दिया गया है। ज्यादातर प्रत्याशियों ने अपना खुद का सेटअप तैयार किया है। इसमें एक ग्रुप सोशल मीडिया और कॉल सेंटर का काम करता है, जबकि कांग्रेस सांसद नकुल नाथ के बंगले में एक वॉर रूम बनाया गया है, जहां से रोजाना प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया जाता है।