गोरखपुर में डेंगू का दायरा अब बढ़ने लगा है। एक माह में 29 मरीज मिले हैं। वहीं, ज्यादातर निजी अस्पतालों में डेंगू के लक्षण वाले मरीज भर्ती हैं, जिनका बुखार होने के बाद प्लेटलेट्स घटने लगा है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम संचालकों को डेंगू की जांच व केस मिलने की सूचना पोर्टल पर अपडेट करने का निर्देश दिया है। लेकिन, अभी सिर्फ दस अस्पतालों ने ही सूचना भेजी है।

इस बार भी अगस्त के दूसरे पखवाड़े से डेंगू के केस मिलने शुरू हो गए थे। बुधवार तक जिले में कुल 29 मरीज डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। इसमें 12 शहरी व 17 ग्रामीण क्षेत्र के हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि उनकी ओर से सोर्स रिडक्शन (जिस पात्र में मच्छर के लार्वा होने की संभावना होती है) के साथ-साथ दवा छिड़काव भी किया जा रहा है।

इसके बावजूद अभी रोग पर नियंत्रण नहीं हो पाया है। इस बीच शहर के निजी अस्पतालों में भी बुखार के मरीजों की ओपीडी में 15 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। मरीजों को दो से तीन दिन के बुखार में ही थकावट और प्लेटलेट्स में कमी जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं।
 
डेंगू के बढ़ते केस को देखते हुए सीएमओ ने तीन दिन पहले ही सभी निजी नर्सिंग होम और पैथालॉजी को अपने-अपने केंद्र पर हुई डेंगू की जांच से संबंधित सूचना यूनीफाइड डिजीज सर्विलांस प्रोजेक्ट पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया था। लेकिन, बृहस्पतिवार की शाम तक तीन केंद्रों से ही सूचना अपलोड हुई।

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि शुक्रवार को इसकी समीक्षा की जाएगी कि किन-किन अस्पतालों से डॉटा नहीं आ रहा है। मलेरिया अधिकारी का कहना है कि डॉटा अपलोड करने से प्रभावित इलाके में सफाई, फाॅगिंग व अन्य बचाव कार्य जल्दी शुरू करने में सहूलियत मिलेगी।