आगरा। हथिनीकुंड से शनिवार दोपहर 2.41 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से आगरावासियों की चिंता एक बार फिर बढ़ गई। यहां शनिवार को यमुना खतरे के निशान (लो फ्लड लेवल) से ऊपर 495.6 फीट पर बह रही थी। हथिनीकुंड से छोड़े गए पानी को यहां आने में कम से कम छह दिन लगेंगे, तब तक यमुना के जल स्तर में और कमी आ जाएगी।

शहरवासियों को घबराने की नहीं जरूरत

आगरा में वाटर वर्क्स पर यमुना का जल स्तर मीडियम फ्लड लेवल से ऊपर 499.4 फीट तक पहुंच गया था। इसके बाद हथिनीकुंड व गोकुल बैराज से छोड़े गए पानी में कमी आने से यमुना के जल स्तर में वृद्धि रुक गई थी। शनिवार को हथिनीकुंड से छोड़े गए पानी की मात्रा दोपहर एक बजे 2.41 लाख क्यूसेक रही।

सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता शरद सौरभ गिरि ने बताया कि हथिनीकुंड से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने से शहरवासियों को घबराने की जरूरत नहीं है। हथिनीकुंड से दिल्ली तक पानी आने में तीन दिन लगते हैं। वहां से गोकुल बैराज तक पानी आने में दो दिन लगते हैं।

गोकुल बैराज से आगरा तक पानी आने में कम से कम 15 घंटे लगते हैं। हथिनीकुंड से छोड़ा गया पानी आगरा आने में छह दिन लगेंगे। तब तक आगरा में यमुना के जल स्तर में और गिरावट आएगी।