भोपाल । गैस राहत विभाग ने डाक्टरों को अधिक राशि देकर वसूली करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर अवमानना याचिका का भी पालन नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन गैस राहत विभाग और स्वास्थ्य विभाग में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) के अधीन कुछ डाक्टरों के मामले में नहीं हुआ है। कोर्ट ने सरकार को वसूली की गई राशि लौटाने को कहा था। मालूम हो कि राज्य सरकार ने 2008 में डाक्टरों को चार स्तरीय वेतनमान देने का आदेश जारी किया था। इसके अनुसार डाक्टरों को वेतनमान दिया गया। इसके बाद वित्त विभाग ने यह कहते हुए आदेश वापस ले लिया कि गलत आदेश जारी हो गया था। डाक्टरों से वसूली भी शुरू हो गई थी। मप्र मेडिकल आफ‍िसर्स एसोसिएशन ने पूरे तथ्य के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने भी यह बात रखी थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने भी रिकवरी रोकने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। उनके कहने के बाद भी रिकवरी जारी रही तो डाक्टर सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। कोर्ट ने पिछले माह डाक्टरों से रिकवरी की गई राशि लौटाने को कहा था। इस मामले में सिविल सर्जन के अधीन सभी डाक्टरों को राशि लौटा दी गई है। राशि नहीं लौटाने से डाक्टरों में नाराजगी है। वह फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने की तैयारी कर रहे हैं। एक-एक डाक्टर से दो लाख रुपये से लेकर 16 लाख रुपये तक की रिकवरी की गई थी, जिसे कोर्ट ने लौटाने को कहा था।