suchitra khandelwal sakunia
नारी
9 Mar, 2024 08:03 PM IST | AAJKASAMAY.COM
सुचिता (सकुनिया) खंडेलवाल बैतूल/कलकत्ता
तू शक्ति, तू संगीत,
तुझसे ही सृष्टि का अस्तित्व।
कभी औरत, कभी नारी, कभी गृहणी
तो कभी बेटी, बहू, जननी है तू।
चंचल मन से उठाती है आशाओं के पर्वत को तू,
पार करती है कठिनाइयों...
महाशिवरात्री
9 Mar, 2024 08:01 PM IST | AAJKASAMAY.COM
सुचिता (सकुनिया) खंडेलवाल बैतूल/कलकत्ता
अहंकारी दशानन जब गरजा कैलाश पर,
धर दिया दशग्रीब को कैलाशपति ने माथे पर।
जब भूतनाथ ने बस छुआ भूमि को बृद्धांगुष्ठ से
दब गया महावीर तब भूमि के गोद में।
अपनी भूल...
देखो कैसी नगरी सज गई, राम नाम की धुन हर एक के मन में बस गई
18 Jan, 2024 08:08 PM IST | AAJKASAMAY.COM
सुचिता (सकुनिया) खंडेलवाल बैतूल/कलकत्ता
देखो कैसी नगरी सज गई,
राम नाम की धुन हर एक के मन में बस गई।
बरसों से कर रहे थे जिस पल का इंतजार,
राम की कृपा से वह दिन भी...
परमात्मा की सबसे सुंदर रचनाओं में सबसे पूजनीय होते है, धरती में माता -पिता के रूप मे भगवान
6 Jan, 2024 04:30 PM IST | AAJKASAMAY.COM
सुचिता (सकुनिया) खंडेलवाल बैतूल/कलकत्ता
परमात्मा की सबसे सुंदर रचनाओं में सबसे पूजनीय होते है धरती में माता -पिता के रूप मे भगवान
माँ ने ने हमें संस्कार दिए और घर का गौरव...