परमेश्वर राव,
प्रधान संपादक 

ये मस्त उम्र फिर नहीं आएगी

जब शनै - शनै उम्र बढ़ जाएगी , इत्र की जगह आयोडेक्स "  कहता हूं अब भी मिल लिया करो , ये घड़ियां पलटकर नहीं आएंगी । अभी तो आंखों मे नूर है बाकी , फिर खूबसूरती नजर नहीं आएगी । अभी तो यार हैं चलते अपने साथ , फिर केवल छड़ी ही नज़र आएगी । सुन लो आवाज दोस्तों की फिर कानों में मशीन नज़र आएगी । हंस लो खिलखिला कर आज , फिर नकली बत्तीसी ही झलक दिखाएगी । जब दोस्त बुलाएं , चले जाओ , फिर डॉक्टरों से फुर्सत न मिल पाएगी । समझ जाओ यारों , समझ जाओ , ये मस्त उम्र फिर नहीं आएगी