महाराष्ट्र के आदिवासी क्षेत्र में चर्च निर्माण विवाद, सरकार ने जांच के आदेश दिए
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में अवैध चर्च निर्माण और जनजातीय समुदाय के धर्मांतरण के गंभीर मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए. विधानसभा में विधायक गोपीचंद पडलकर और अनुप अग्रवाल द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में बावनकुले ने कहा कि सरकार आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
नंदुरबार जिला अनुसूचित क्षेत्र घोषित
नंदुरबार जिला भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत अनुसूचित क्षेत्र के रूप में घोषित है. इसका उद्देश्य भील और पावरा जनजातियों के हितों की रक्षा करना है. हालांकि, विधायक गोपीचंद पडलकर ने विधानसभा में कहा कि विशेष रूप से नवापुर तहसील में ईसाई मिशनरियों और धर्मांतरित व्यक्तियों द्वारा आदिवासी और गैर-आदिवासी लोगों को प्रलोभन और लालच देकर धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इससे उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान खतरे में पड़ रही है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गांव और सरकारी जमीनों पर 150 से अधिक अवैध चर्च बिना ग्राम पंचायत या गृह विभाग की अनुमति के बनाए गए हैं.
बिना अनुमति बने चर्चों को हटाया जाएगा- मंत्री
इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए राजस्व मंत्री बावनकुले ने कहा, “नंदुरबार जिले में अवैध चर्च निर्माण पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी. 5 मई 2011 और 7 मई 2018 के सरकारी आदेशों के अनुसार बिना अनुमति बने चर्चों को हटाया जाएगा.”
धर्मांतरण के खिलाफ कानूनों का अध्ययन किया जाएगा- मंत्री
इसके साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ चर्चा की जाएगी. धर्मांतरण के खिलाफ कठोर कानूनों का अध्ययन किया जाएगा. एक उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं और सभी अवैध धार्मिक संरचनाओं का सर्वेक्षण छह महीने के भीतर पूरा किया जाएगा. बवनकुले ने स्पष्ट किया कि कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और नियमों के अनुसार की जाएगी. इसके साथ ही धर्मांतरण के मामलों का गहन अध्ययन किया जाएगा ताकि सख्त कानून लागू करने पर विचार किया जा सके.
सरकार ठोस कदम उठाएगी, कुछ समय लगेगा- मंत्री
विधायक सुधीर मुनगंटीवार और संजय कुटे ने विधायक पडलकर द्वारा उठाए गए मुद्दे का समर्थन किया. बावनकुले ने विधानसभा में सभी प्रश्नों का सकारात्मक जवाब देते हुए सरकार की सख्त रुख को स्पष्ट किया. उन्होंने आश्वासन दिया, “सरकार इन सभी चार मुद्दों पर ठोस कदम उठाएगी, हालांकि इसमें कुछ समय लगेगा.”