प्रधानमंत्री आवास निर्माण के लिए पहली किस्त जारी कर सीएम साय ने नक्सल और नक्सल पीड़ित परिवारों को दी बधाई

रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज 2500 आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के बैंक खातों में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की प्रथम किश्त की राशि अंतरित की। मंत्रालय में वर्चुअली आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने आवास निर्माण की प्रथम किश्त के रूप में 40 हजार रूपए प्रति परिवार के मान से कुल दस करोड़ रूपए हितग्राहियों के खातों में अंतरित किए। छत्तीसगढ़ के विशेष आग्रह पर केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए 15 हजार आवास स्वीकृत किए गए हैं। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री विजय शर्मा भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री साय ने विभिन्न जिलों से मंत्रालय से वर्चुअली जुड़े बड़ी संख्या में हितग्राहियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से विशेष आग्रह कर आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों, जो प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता शर्तों के अंतर्गत नहीं आ पा रहे थे, के लिए 15 हजार आवास स्वीकृत करवाए हैं।
उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ हमारे अनुरोध को स्वीकृत किया और वंचित परिवारों के लिए आवास की व्यवस्था भी की। साय ने नक्सल प्रभावित सुदूर वन क्षेत्रों के लिए स्वीकृत इस विशेष परियोजना के हितग्राहियों का उत्साहवर्धन किया और उन्हें अच्छे आवास बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इसमें सरकार हर प्रकार की मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों से आत्मीयतापूर्वक बातचीत की और उनका हालचाल पूछा। उन्होंने उनके घर, परिवार और व्यवसाय के बारे में जानकारी ली।
बातचीत के दौरान विभिन्न जिला मुख्यालयों से आए हितग्राहियों ने पक्का आवास मिलने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार जताया। उप मुख्यमंत्री एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री विजय शर्मा ने भी हितग्राहियों को ऑनलाइन संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। आज नक्सलवाद छोड़कर मुख्यधारा में लौटे अथवा नक्सल हिंसा के शिकार 2500 परिवारों को पक्का आवास बनाने के लिए 40-40 हजार रुपए की पहली किश्त जारी की गई है। ये ऐसे परिवार हैं, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्र नहीं थे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में विभाग ने विशेष प्रयास कर भारत सरकार से इन आवासों को स्वीकृत कराया है। शर्मा ने कहा कि राज्य में नक्सलवाद को समाप्त करने का अभियान अब अंतिम चरण में है। बस्तर के लोगों के मन से अब आतंक का डर खत्म होना चाहिए। उन्होंने युवाओं से मुख्यधारा में आने की अपील की। बस्तर की शांति और विकास के लिए यह जरूरी है। उन्होंने विशेष परियोजना के तहत हितग्राहियों की पहचान कर उसके क्रियान्वयन के लिए विभागीय अधिकारियों की पीठ थपथपाई और उन्हें धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के क्रियान्वयन की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि आवास निर्माण के लक्ष्यों को तेजी से हासिल किया जा रहा है। योजना के अगले चरण के लिए हितग्राहियों का सर्वेक्षण भी तेजी से चल रहा है। राशि अंतरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सचिव पी. दयानंद, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव भीम सिंह और प्रधानमंत्री आवास योजना के संचालक तारण प्रकाश सिन्हा सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
सुकमा के सर्वाधिक 809 आत्मसमर्पित नक्सली और नक्सल प्रभावित परिवारों को मिली आवास की पहली किश्त, बीजापुर के 594 और नारायणपुर के 316 परिवार शामिल। प्रधानमंत्री आवास योजना की विशेष परियोजना के तहत आज आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित 2500 परिवारों के खातों में आवास निर्माण के लिए राशि अंतरित की गई, जिसमें सर्वाधिक 809 परिवार सुकमा जिले के हैं। बीजापुर जिले के 594, नारायणपुर के 316, बस्तर के 202, दंतेवाड़ा के 180, कोंडागांव के 166 और कांकेर के 138 ऐसे परिवारों को आवास निर्माण के लिए राशि जारी की गई है।