देवघर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की सुविधा से बदलेगी तस्वीर, अलग होगा नजारा
देवघर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की सुविधा ने संभावनाओं के कई रास्ते खोल दिए हैं। सबसे बड़ी बात यह कि यह एयरपोर्ट दिन और रात का हो गया। कल तक सूर्यास्त के बाद एयरपोर्ट की गतिविधि भी 12 घंटा के लिए अस्त हो जाती थी।
झारखंड का यह दूसरा एयरपोर्ट हो गया, जो 24 घंटा खुला रहेगा। नाइट लैंडिंग की सुविधा नहीं थी तो एक साल में 1.13 लाख यात्रियों ने अपनी यात्रा की। अब यात्रियों की यह संख्या दो गुणी से भी अधिक हो जाएगी। इंडिगो 500 नया एयरक्राफ्ट मंगा रही है।
इंडिगो सूत्रों के मुताबिक, अप्रैल माह से हर सप्ताह एक नया एयर बस इंडिगो कंपनी को मिलेगा। इसके बाद देवघर से बेंगलुरू और मुंबई की सेवा एक एक कर शुरू होगी। प्रबंधन ने सर्वे का काम कर लिया है। सर्वेक्षण के मुताबिक सबसे अधिक डीमांड बेंगुलुरू की है। एक अधिकारी की मानें तो बेंगलुरू की फ्लाइट शुरू होते ही प्रतिदिन फूल लोड मिल सकता है। दिल्ली के लिए दूसरी फ्लाइट भी इसी साल शुरू हो सकती है।
जुलाई 2024 तक इंडिगो सेवा देगी- बीडिंग
देवघर एयरपोर्ट पर बढ़ रही सुविधा के बाद दूसरे एयरलाइंस का ध्यान भी इस ओर आ गया है। एयर एशिया, बिस्तारा भी यहां अपनी सेवा दे सकता है। हालांकि, बीडिंग के मुताबिक, जुलाई 2024 तक इंडिगो की सेवा देगी। यह पहले से करार है। दूसरी एयर लाइंस के आने के बाद फ्लाइट के बढ़ने के बाद यात्रियों को फायदा हाेगा। कारण किराया कम होगा। प्रतियोगिता बढ़ेगी तो उसका सारा लाभ यात्री को ही होगा।
दिल्ली की दो फ्लाइट होने के बाद सुबह दिल्ली से देवघर आकर रात में लौट जाने का मकसद पूरा हो जाएगा। कम से कम दो फ्लाइट देवघर-दिल्ली की होगी तो प्रतिदिन 186 की जगह 372 यात्री आने-जाने लगेंगे। इसी तरह बेंगलुरू, मुंबई की प्रस्तावित सेवा शुरू होगी तो यात्री और प्रीमियम यात्री आएंगे। रात की फ्लाइट से आने वाले एक रात ठहरेंगे। बाजार घूमेंगे। बाजार में पैसा आएगा।
नाइट लैंडिंग नहीं होने से इमरजेंसी वाली बात अधूरी थी
एयरपोर्ट था, लेकिन नाइट लैंडिंग नहीं होने से इमरजेंसी वाली बात अधूरी थी। रात में आने जाने की सुविधा नहीं होने से 24 घंटा का इंतजार होता था अथवा ट्रेन को विकल्प बनाना होता था।
होटल में भीड़ बढ़ेगी। बाबा मंदिर में प्रीमियम सुविधा लेने वाले भक्त आएंगे तो शीघ्रदर्शनम के रास्ते मंदिर का कोष बढ़ेगा। पुरोहितों की आमद बढ़ेगी। यहां के शिक्षण संस्थान, चिकित्सीय संस्थान, प्रशासनिक और राजनीतिक गतिविधि बढ़ेगी। सरकारी और गैर सरकारी संस्थान की ओर से आयोजित राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार होने लगेंगे।
कारण उसमें देश के किसी कोने से आने वाले आसानी से पहुंच जाएंगे। अब तक इसका संकट था। अभी एक फ्लाइट होने से भी लोगों को परेशानी हो रही थी। कभी कभी टिकट नहीं मिलता था तो कभी फ्लाइट रद हो जाती थी।